India News (इंडिया न्यूज़), Chanakya Niti: चाणक्य के बारे में हिंदुस्तान में लगभग सभी लोग जानते है। चाणक्य या कौटिल्य एक ऐसे पंडित थे जो अपनी बुद्धि का बिल्कुल सटिकता से प्रयोग किया करते थे। उनकी मनुष्य की मनोविज्ञान स्थिति, समाज में पकड़, राजनीतिक ज्ञान, और व्यापार से संबंधित जानकारियां पर इतनी अधिक पकड़ थी कि उन्होंने उस वक्त ऐसे समाज और राज्य का निर्माण किया था, जिसकी मदद से भारत कई वर्षों तक अखंड भारत बना रहा।

आज भी चाणक्य के द्वारा लिखा गया ज्ञान पूरी भारत में प्रचलित है। इस ज्ञान को चाणक्य नीति कहा जाता हैं। चाणक्य नीति में चाणक्य ने मनुष्य को सफलता दिलाने के लिए एक अद्भूत ज्ञान देता है। इस ज्ञान की मदद से कई लोग अपनी सफलता को हासिल कर चुके हैं। मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग जाने या नर्क जाने का फैसला उसके कर्मों पर निर्भर करता है।

चाणक्य नीति में ऐसे कार्यों का जिक्र किया गया है जिनकी वजह से व्यक्ति नर्क में भोगता है। चलिए इनके बारे में जानते हैं।

  • चाणक्य नीति के अनुसार, लालची व्यक्ति कभी किसी का सगा नहीं होता। वह धन, संपत्ति, और सम्मान प्राप्त करने और अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए दूसरों का अहित करने से गुरेज नहीं करता। ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद नर्क में भोगना पड़ता है।
  • चाणक्य के अनुसार, दुष्ट व्यक्ति मृत्यु के बाद नर्क में जाता है। वह स्वजनों से बैर रखता है, वृद्धजनों का अपमान करता है और अपने कर्मों से माता-पिता को दुख पहुंचाता है। ऐसे व्यक्ति को नर्क में स्थान मिलता है।
  • चाणक्य नीति के मुताबिक, महिलाओं का निरादर करने वाला, बालिकाओं के प्रति बुरे विचार रखने वाला और गरीबों का शोषण करने वाला नर्क में भोगता है।
  • दुष्ट व्यक्ति अपनी वाणी और बुरे कर्मों से हमेशा मानसिक और शारीरिक पीड़ा देता है। इस तरह के अवगुण उसे नर्क की ओर ले जाते हैं।
  • चाणक्य नीति कहती है कि जो सत्कर्म करके अपनी जिम्मेदारियों को निभाता है, क्रोध, लालच, और कटु वाणी से त्याग करके जीवन यापन करता है, वह स्वर्ग में स्थान पाता है।

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