India News (इंडिया न्यूज), PM Modi: हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर जब सामने आई तो लोगों ने इसके अलग-अलग मायने निकाले। कयास लगाए जा रहे थे कि चंद्रबाबू अपने राज्य की मांगों को लेकर उनसे मिलने गए हैं। यह अनुमान लगभग सही साबित हुआ है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के एक सप्ताह के भीतर ही केंद्र ने आंध्र प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब स्थापित करने की एक बड़ी मांग को स्वीकार कर लिया है।
केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में अहम सहयोगी नायडू ने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य में रिफाइनरी लगाने की तैयारियों पर चर्चा की।
जानकारी के मुताबिक रिफाइनरी के लिए तीन जगहों पर चर्चा हुई है। इनमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायपट्टनम शामिल हैं। रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में होने की संभावना है। जगह तय होने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने का समय लगेगा और बजट में जगह की घोषणा नहीं की जा सकती। नायडू के लिए यह बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने पीएम और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात के दौरान रिफाइनरी लगाने पर जोर दिया था।
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इसके साथ ही नायडू के बारें में बताए तो उसके 16 सांसद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, नायडू का कहना है कि उनके मन में हमेशा से ही राज्य का हित छिपा हुआ है। रिफाइनरी राज्य के बंटवारे के समय की गई प्रतिबद्धता है। बीपीसीएल और पेट्रोलियम मंत्रालय ने अभी इस कदम के बारे में कुछ नहीं कहा है। वहीं, चंद्रबाबू नायडू ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि हमारे राज्य में पेट्रोकेमिकल्स की काफी संभावनाएं हैं। मैंने अधिकारियों के साथ बैठक की है और पेट्रोलियम हब के बारे में विस्तृत चर्चा हुई है।
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चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए में बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इस बार बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई और ऐसे में सहयोगी दलों की अहमियत काफी बढ़ जाती है। बीजेपी और दूसरे सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 293 पर पहुंच गया है। इस बार बीजेपी को 543 में से सिर्फ 240 सीटें ही मिलीं और वह अपने दम पर बहुमत से दूर रह गई। सहयोगी दलों को लेकर विपक्ष की ओर से कई सवाल उठाए गए लेकिन अभी तक एनडीए के किसी भी दल ने ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे केंद्र सरकार के लिए कोई दिक्कत खड़ी हो। लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर भी कई सवाल उठाए गए लेकिन अभी तक सभी फैसले आम सहमति से लिए गए हैं। बीजेपी और टीडीपी के बाद नीतीश की जेडीयू एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
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