देश

Chandrayaan-3: चंद्रयान-1 ने की थी चंद्रमा में पानी की खोज, जानिए क्यों है मिशन चंद्रयान-3 देश के लिए खास

India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3:  ISRO ने आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग के लिए LVM3 हैवी रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। लॉन्चिंग की शुरुआती प्रक्रिया जैसे रॉकेट के पृथक्करण और चंद्रयान-3 की चंद्रमा के ओर उचित दिशा में यात्रा का काम सक्सेसफुल रहा है। अब चंद्रयान-3 पृथ्वी से करीब 3.8 लाख किलोमीटर की दूर चंद्रमा की दूरी 40-45 दिनों मे पूरी करेगा। इसरो की माने  तो चंद्रयान-3 के लैंडर पार्ट की लैंडिंग 24 अगस्त को हो सकती है।

वहीं भारत अगर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहता है तो भारत दूनिया का ऐसा चौथा देश बन जाएगा, जो चांद्रमा की जमीन पर रिसर्च करेंगा। बता दें कि इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ने ऐसा कारनामा कर चुके हैं।

चंद्रयान-1 ने की थी चंद्रमा में पानी की खोज

दुनियाभर के  वैज्ञानिकों के लिए पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा बेहद ही खास रहा है और इसे जानने की जिज्ञासा भी उतनी ही रही है। चंद्रमा की ओर जाने वाला सबसे पहला मिशन अमेरिका ने साल 1958 में किया था, जिसका नाम पायनियर मिशन था। लेकिन अमेरिका का पायनियर मिशन असफल रहा। चंद्रमा में जाने वाला सबसे पहला सफल मिशन साल 1959 में सोवियत संघ द्वारा किया गया लूनर-2 था। लूनर-2 मिशन चंद्रमा कि सतह पर पहुंचने में कामियाब रहा। वहीं भारत की तरफ से 2008 में  चंद्रयान-1 भेजा गया जिसे अब तक का चंद्रमा में सबसे सफल मिशन कहा जा सकता है। इस मिशन ने ना केवल चंद्रमा की कक्ष में सफल भ्रमण किया, बल्कि ने मिशन ने एक कदम आगे बढ़कर कठोर लैंडिंग की और चंद्रमा पर पानी की खोज की पुष्टि की।

आखिर क्यों है भारत के लिए ये मिशन खास

हमारे लिए भी चंद्रमा बेहद खास है। चंद्रयान-1 मिशन के द्वारा चंद्रमा में पानी का पता लगाए जाने के बाद वैज्ञानिकों की इसके प्रति रुची और बढ़ गई। विज्ञान लगातार चंद्रमा में जीवन बसाने की संभावना तलाश रहा है और चंद्रमा को कही ना कही आने वाले समय में पृथ्वी के एक विकल्प के रुप में देखा जा रहा है। इसके अलावा चंद्रमा की सतह पर कई ऐसे तत्व मैजूद हैं, जो आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हैं। चंद्रमा में लोहा, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, टाइटेनियम जैसे अहम तत्व मैजूद हैं। भारत लगातार दुनिया के बड़े देशों के साथ कदम बढ़ते हुए चंद्रमा पर शोध जारी रखना चहता है। वहीं चंद्रयान मिशन से भारत का विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है।

यह भी पढे़े-

 

Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

Recent Posts

JNU Hostel Fire News: JNU के गोदावरी हॉस्टल में लगी आग! यूनिवर्सिटी प्रशासन पर निकला छात्रों का गुस्सा

India News (इंडिया न्यूज), JNU Hostel Fire News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय…

6 minutes ago

Heavy Snowfall Himachal: भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 2000 पर्यटक वाहन फंसे, प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

India News (इंडिया न्यूज), Heavy Snowfall: हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को हुई भारी बर्फबारी ने…

27 minutes ago

MP Sehore News: एमपी के मानपुरा गांव में तालाब में डूबने से 2 मासूमों की हुई मौत, घर में मचा कोहराम

India News (इंडिया न्यूज),MP Sehore News: मध्य प्रदेश के मंडी थाना क्षेत्र के मानपुरा गांव में…

30 minutes ago

महाकुंभ आ रहे आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर के साथ भयंकर हादसा, हॉस्पिटल में भर्ती

India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025 News: प्रयागराज में महाकुंभ की छावनी में आ रहे…

41 minutes ago