India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3: भारत के गौरावशाली मिशन चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर सोमवार को लगभग 08:00 बजे स्लीप मोड पर चला गया है। इससे पहले, चाएसटीई, रंभा-एलपी और आईएलएसए पेलोड द्वारा इन-सीटू प्रयोग नए स्थान पर किए जाते हैं। एकत्र किया गया डेटा पृथ्वी पर प्राप्त होता है।

बता दें कि अब 22 सितंबर, 2023 के आसपास इसरो ने विक्रम लैंडर के फिर से जागृत होने की उम्मीद जताई है। गौरतलब है कि 23 अगस्त को इसरो ने इतिहास रचते हुए चंद्रमा के साउथ पोल पर विक्रम लैडर की सॉफ्ट लैंडिग कराई थी। सोमवार को विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कामयाब 9 दिन गुजारे है। वहीं चंद्रमा में रात्री होने के बाद चंद्रमा का तपमान -200 डिग्री के आसपास पहुंचे की संभावना है। चंद्रमा पर 14 दिनों तक रात रहने की संभावना है।

दूसरी बार सतह पर की सॉफ्ट लैंडिंग

वहीं सोमवार को दूसरी बार चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेंनाइजेशन यानि इसरो ने सोमवार को इस काम को अंजाम दिया। इस कामयाबी के बाद इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफलता हासिल की।

जानें क्या है इसके मायनें

चंद्रमा की सतह पर स्थित विक्रम लैंडर की दूसरी बार चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को इसरो भविष्य के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहा है। दरअसल ये ‘किक-स्टार्ट’ मिशन भविष्य में चंद्रमा के रहस्यों को खोलने के लिए नमूनों की वापसी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा आने वाले समय में चंद्रमा के साउथ पोल पर मानव मिशन के तैयारी और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ये मिशन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण था। गौरतलब है कि अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा जल्द ही चंद्रमा के साउथ पोल पर मानव भेजने की तैयारी में है।

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