India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan- 3, नई दिल्ली: अब बस कुछ ही घंटों का इंतजार है, जिसके बाद भारत एक नया इतिहास रचेगा। जिस कारण पूरे देश को गर्व होगा। ISRO की तरफ से बताए गए समय के मुताबिक आज बुधवार, 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान- 3 चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करेगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान के सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारियां पूरी हो गई हैं।
‘रफ लैंडिंग’ में भी सक्षम है यान
ISRO के पूर्व सलाहकार डॉ. सुरेंद्र पाल ने जानकारी दी कि ‘रफ लैंडिंग’ करने में भी यान पूरी तरह से सक्षम है। मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उपयुक्त लैंडिंग क्षेत्र न मिलने पर विक्रम लैंडर हेलीकॉप्टर की तरह मंडराता रहेगा। पूर्व वरिष्ठ सलाहकार पाल ने कहा, “चांद के दक्षिणी ध्रुव पर काफी सारे पत्थर है और वह काफी उबड़-खाबड़ है। इसको देखते हुए लैंडिंग के 2.5 किलोमीटर के क्षेत्र को बढ़ाकर 4 किलोमीटर कर दिया गया है।”
अगर आज नहीं कर पाया पूरी तरह लैंडिंग?
पूर्व सलाहकार डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया कि आज 23 अगस्त को अगर पूरी तरह से सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई। तो फिर विक्रम लैंडर 27 अगस्त को लैंड करेगा। उन्होंने कहा, “अगर यान के दो थ्रस्ट भी काम करते रहेंगे। तो लैंडिंग संभव है और इसके लिए काफी सारे बदलाव भी किए जा रहे हैं। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों हर तरीके से बदलाव कर मिशन चंद्रयान -3 को सफल बनाने का प्रयास जारी हैं।”
तस्वीरों से तय होगा आखिर लैंडिंग स्थल
उन्होंने कहा, “पूरे चंद्रमा को ऑर्बिटर 2 से कैमरों का उपयोग करके मैप किया गया है, ताकि चांद के सतह का पता लगाया जा सके। जो भी तस्वीरें ली गई हैं, उनकी तुलना यह पता लगाने के लिए जाएगी कि आखिर लैंडिंग के लिए सबसे उपयुक्त स्थल कौन-सा हो सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “सॉफ्ट लैंडिंग का मतलब है कि लैंडर के पैर 3 मीटर प्रति सेकंड से अधिक प्रभाव को सहन कर सकते हैं। यहां तक कि अगर लैंडर का एक पैर ढलान पर उतरता है, तो भी यह एक स्थिर लैंडिंग होगी। हालांकि, यान थोड़ी कठिन लैंडिंग को भी संभालने में सक्षम है।”
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