India News (इंडिया न्यूज़),Nehru Memorial Museum and Library: नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी किए जाने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि नेहरू जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया और आज़ादी दिलाने में मदद की। जिस व्यक्ति ने इस देश को आज़ादी दिलाई उस व्यक्ति के नाम पर रहे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना देश के लिए अपमानजनक है। जवाहरलाल नेहरू ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि उन्हें आपकी दया की ज़रूरत नहीं है। उनका नाम अमर है।

इतिहास को दबाने का प्रयास

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा,”यह और कुछ नहीं बल्कि कुंठित मानसिकता है। पं. जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे। उनके नाम पर एक संस्था का नाम रखा गया और उनके कार्यकाल को प्रतिबिंबित करने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया…यदि आपको (केंद्र) अन्य प्रधानमंत्रियों पर एक संस्था बनानी थी, तो आप ऐसा कर सकते थे। लेकिन अगर आप किसी चीज को दबाते हैं या हटाते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मकसद कभी प्रदर्शन नहीं बल्कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास था।”

बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते

उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,”उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं।”

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