बिहार के महापर्व छठ का आगाज हो चुका है। छठ के महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गई है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का पहला दिन नहाय खाय होता है। जबकी दूसरे दिन को खरना कहते हैं। आज खरना का दिन है। ऐसे में घर से दूर रहने वाले लोग भी अपने घरों के तरफ रूख कर चुके हैं। कुछ लोग पहुच गए हैं तो कुछ बस पहुचने का इंतजार कर रहे हैं। बिहार के लिए छठ सिर्फ एक पर्व ही नहीं हैं बल्कि वहां के लोग इस त्योहार को महशूश भी करते हैं। मानना है कि छठ पूजा उनके इमोशन से जुड़ा है। इस बात में कोई दो रा नहीं है कि आज छठ बिहार से निकल कर ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी फैल चुका है।
दुबई में बिहार के लोगों ने बनाई संस्थाएं
छठ व्रत कर प्रवासी बिहारी व अन्य भारतीय इस पर्व को विदेशों में भी जीवंत रखने का काम कर रहे हैं। दुबई में बिहार के लोगों ने संस्थाएं बनाई हैं, जिनमें भोजपुरिया समाज, मिथिला समाज और बिहार कनेक्ट शामिल हैं। इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से छठ पूजा की शुरुआत करीब 15 साल पहले की थी। कई भारतीय परिवार दशकों से यहां छठ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार भी ममजार बीच पर बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य भारतीय लोगों द्वारा छठ किया जा रहा है।
मुस्लिम देश होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग करते हैं पूजा
बता दें बिहार के रहने वाले रविशंकर ने बताया कि वह भी दुबई में सपरिवार छठ कर रहे हैं। साथ ही साथ महापर्व छठ की पूजन सामग्री भी व्रतियों के बीच वितरित कर रहे हैं। वह हर पर्व दुबई में बिहारियों सहित अन्य भारतीयों को एकत्रित कर मनाते हैं। रविशंकर ने बताया कि दुबई मुस्लिम देश होने के बावजूद वहां बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ममजार बीच पर जाकर हर साल छठ करते हैं। दुबई में लाउडस्पीकर पर रोक होने के कारण श्रद्धालु खुद ही गीत गाते हैं। पूजा आयोजकों में मुख्य रूप से विजय ओझा, प्रमोद, लोकेश मिश्रा, संतोष कुमार, अजय शाही शामिल हैं।
इंडियन स्टोर से करते हैं छठ की खरीदरी
दुबई में रह रही मझौलिया की रहने वाली आरती कहती हैं कि पहले लगता था कि छठ पर घर नहीं गए तो कुछ छूट गया। नौकरी और बच्चों की पढ़ाई के कारण हर बार जा नहीं पाती मगर यहां बसे बिहार और झारखंड के परिवारों के कारण अब लगता ही नहीं कि छठ पर घर से दूर हूं। अब तो यहां 20 से अधिक परिवार हैं जो एक साथ मिलकर छठ करते हैं। इंडियन स्टोर से पूजा सामग्री की खरीदारी कर रहे रोहित, दीपक कहते हैं कि इक्का-दुक्का सामान छोड़ दें तो सारी सामग्री यहां मिल जाती है।
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