इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Chhath Puja 2nd Day नहाय खाय के साथ छठ पर्व का 8 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हो चुका है। पूरे चार दिनों तक छठ का यह महापर्व चलता है। बता दें कि आज छठ का दूसरा दिन है जिसे खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है। वहीं 10 नवंबर को षष्ठी तिथि को छठ का मुख्य व्रत और पूजन किया जाएगा। छठ में खरना का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन ही लोग छठ पूजा की सारी तैयारियां प्रसाद आदि बनाकर रखते हैं। खरना के दिन ही छठ का पहला अर्घ्य दिया जाता है और छठ का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

आज अर्घ्य देने का समय (Chhath Puja 2nd Day)

आज खरना का दिन है और शाम के समय अस्त होते ही सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा।
सूर्यास्त का समय- 17:29:59

खरना का महत्व (Chhath Puja 2nd Day)

कार्तिक, शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना किया जाता है। एक प्रकार से इस दिन शुद्धिकरणकरण की प्रक्रिया की जाती है। सुबह उठकर स्नान आदि के पश्चात स्वच्छ कपड़े पहने जाते हैं और महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। इसके बाद दिनभर व्रत किया जाता है। सायं को छठी मईया का प्रसाद बनाया जाता है। अस्त होते सूर्य को छठ का पहला अर्घ्य देने के बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। माना जाता है कि इसी दिन से घर में छठी मइया का आगमन होता है।

ये है विधान (Chhath Puja 2nd Day)

खरना के दिन संध्या के समय मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर, साठी के चावलों, दूध और गुड़ से खीर का प्रसाद बनाकर तैयार करना चाहिए। सूर्यनारायण और छठी मइया की पूजा करके यह प्रसाद अर्पित करें। घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करना चाहिए और व्रत रखने वाले को स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। इसके बाद से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

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