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Chhattisgarh News : सरकारी खर्च पर मंत्रियों की मौज एक-आद दिन और

India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh News : आज या कल में चुनाव तिथियों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लग जाएगी। इसके साथ ही मंत्रियों, दर्जा प्राप्त मंत्रियों की सरकारी खर्च पर लकदक बस आज और कल तक है, और सभी ख़ास से आम होने वाले हैं, सरकारी सुविधाओं से महरूम हो जाएंगे।

सरकारी सुविधाओं से हो जाएगे महरूम

आयोग के निर्देश अनुसार व कोई भी मंत्री किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का शासकीय दौरा नहीं करेगा। मंत्री अपने सरकारी वाहनों का उपयोग अपने मुख्यालय से अपने निवास स्थान पर सरकारी कार्य हेतु आने जाने के लिए पात्र है। मंत्री के दौरे के दौरान कोई भी पायलट और वाहनों पर किसी भी रंग की बीकन लाइट इस्तेमाल नहीं की जाएगी।

मंत्रियों की प्रोटोकॉल के तहत कोई स्वागत नही

राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी निर्वाचन दौरे पर आए मंत्रियों की प्रोटोकॉल के तहत कोई स्वागत या विदा नहीं करने जाएंगे। उन्हें कोई सलामी आदि नहीं दी जाएगी। किंतु सुरक्षा संबंधी व्यवस्था के लिए उपस्थित रहने की अनुमति होगी।

किसी भी शासकीय अधिकारी को किसी मंत्री के द्वारा बैठक या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नहीं बुलाया जाएगा यदि कोई अधिकारी अपने निजी दौरे पर मंत्री से मुलाकात करता है तो उसे कदाचार का दोषी माना जाएगा। वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारावाहिक 129 में उल्लिखित कोई अधिकारी हो तो उसे धारा के संबंधित प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा।

पर्सनल स्टाफ को ले जाने की अनुमति

मंत्रियों को अपने निजी दौरे में एक अराजपत्रित पर्सनल स्टाफ को ले जाने की अनुमति होगी। सरकारी अतिथि गृहों में मंत्रियों की आवास व्यवस्था नहीं की जाएगी क्योंकि अतिथि गृह निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों के लिए आवश्यक हो।

मंत्रियों एवं अन्य राजनीतिक पदाधिकारी जिन्हें सरकार द्वारा जेड या जेड प्लस श्रेणी अथवा उसके समकक्ष सुरक्षा दी गई है, को ही उपलब्धता पर आवंटित की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को 48 घंटे से ज्यादा के लिए ये अतिथि गृह आवंटित नहीं किए जाएंगे। मौन अवधि में सरकारी रेस्ट हाउस किसी को भी नहीं दिए जाएंगे।

एमपी एमएलए के नाम को ढके जाने के निर्देश

आयोग ने यह निर्देश भी दिया है कि इस अवधि के दौरान प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री एवं अन्य राजनीतिक पदाधिकारी, जो राजनैतिक रूप से सक्रिय है, के छायाचित्रों को सरकारी भवनों में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। सांसद या विधायक निधि से दिए गए पानी की टंकियां एंबुलेंस आदि वाहनों पर उनके नाम लिखे गए हैं तो राज्य के ऐसे वाहनों पर प्रदर्शित एमपी एमएलए के नाम को ढका जाना चाहिए। सभी शासकीय वाहन, सिटी बस आदि से भी ऐ हटाए जाने चाहिए।

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Deepak Vishwakarma

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