गुजरात/मोरबी:- गुजरात के मोरबी की मच्छु नदी में कई नावें तैर रही हैं। मिशन यही है कि जिंदगी की तलाश ज़्यादा से ज़्यादा जल्दी हो सके. कोशिश में टीम मौजूद है. चारों तरफ भयावह मंजर है. इस भयावह मंजर में जो लोग बचे हैं उनकी आपबीती रूह कंपा देने वाली है. लोगों ने बताया कि जब ब्रिज टूटा तो लोग पल से नीचे गिर रहे थे और कुछ लोग जो इस जद्दोजहद से लड़ कर बहार आये उनमे से कुछ तार पर लटके हुए लोग थे जिन्हे ये बिलकुल नहीं पता था कि इस भयावह मंजर के बीच उनका बच पाना संभव है या नहीं, अगले ही पल उन्हें अपनी मौत नज़र आ रही थी. इस वक़्त नदी में तैरती हुई लाश किनारे लाई जा रही हैं। 90, 100 से बढ़ते बढ़ते यह संख्या 141 से पार हो चुकी है।राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक यादव ने मीडिया से इस बात की पुष्टि की है.

मच्छु नदी पर बना यह केबल ब्रिज काफी पुराना था. इसे हेरिटेज ब्रिज में शुमार किया जाता था. मरम्मत के लिए यह पुल करीब 7 महीने तक बंद था और दिवाली के बाद गुजराती नए साल पर ही दो दिन पहले इसे दोबारा खोला गया था.

6 साल की बहन के साथ आखिरी तस्वीर

इस भयावह हादसे में अपनी बहन को गंवाने वाले एक युवक ने अपना दर्द बयां किया तो अस्पताल में मौजूद लोगों की रूह खड़ी हो गई। उसने बताया कि वह अपनी बहन के साथ मोरबी पुल पर पहुंचा था।पुल पर वह बहन के साथ सेल्फी ले रहा था। उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि बहन के साथ यह उसकी आखिरी तस्वीर होगी। तस्वीर खींचते समय ही अचानक पुल नदी में टूटकर गिर गया। उसी वक़्त बहन का हाथ भी यवक के हाथ से छूट गया। वे दोनों नदी में गिर गए। युवक किसी तरह बाहर आया। बाहर आते ही उसने बहन को बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिली। जब सुबह हुई तो उसकी लाश देखी।

कई बच्चों ने खोये अपने मां-बाप

इस हादसे में कई बच्चों ने अपने मां बाप को खो दिया. इस हादसे में बचे 10 साल के एक बच्चे ने बताया कि ब्रिज पर काफी भीड़ थी. तभी ब्रिज गिर गया, मैं वहां मौजूद तार पर लटक गया लेकिन उसके माँ बाप अब तक नहीं मिले हैं.