India News (इंडिया न्यूज), China Pneumonia: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने  चीन की रहस्यमयी बीमारी का पता लगाया है, जो इस वक्त भारत में पैर पसार रही है। नई दिल्ली AIIMS ने एम-न्यूमोनिया बैक्टीरिया के 7 पॉजिटिव नमूने दर्ज किए हैं। यह जीवाणु वही है जो पूरे चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी को अचानक बढ़ा रहा है।

लैंसेट माइक्रोब में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, अप्रैल और सितंबर 2023 के बीच भारत में कुल सात नमूनों की जांच  पॉजिटिव पाई गई है।  रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मामले का पता पीसीआर जांच के द्वारा लगाया गया। ये जांच  संक्रमण के शुरुआती चरण में की गई थी।

इसके अलावा इसेसे जुडे़ 6 मामलों की जानकारी आईजीएम एलिसा जांच के द्वारा लगाई गई है। लैंसेट के अनुसार, पीसीआर जांच की पॉजिटीव  दर 3 प्रतिशत थी, जबकि आईजीएम एलिसा जांच में 16 प्रतिशत की  पॉजिटिव परिणाम दिखा। बता देें कि अप्रैल से सितंबर 2023 तक 30 पीसीआर और 37 आईजीएम एलिसा जांच की गई थी  जिनमें से कुल सात नमूनों में बैक्टीरिया के लिए पॉ़जिटिव लक्षण पाए गए।

लैंसेट अध्ययन क्या कहता है?

लैंसेट अध्ययन के अनुसार, जिन देशों में एम-निमोनिया फिर से उभरा है, वहां मामलों की संख्या महामारी-पूर्व/स्थानिक संख्या के बराबर है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि फिर  से उभरने के आगे के विकास की निगरानी इस बात के मूल्यांकन के लिए की जानी चाहिए कि क्या मामलों की संख्या महामारी के स्तर तक बढ़ जाएगी या संक्रमण की एक असाधारण बड़ी लहर होगी, जैसा कि अन्य रोगजनकों के पुनरुत्थान के लिए देखा गया था।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया, “फिर से उभरने की प्रगति और गंभीरता का अनुमान लगाना मुश्किल है और क्या इससे गंभीर बीमारी और एक्स्ट्राफुफ्फुसीय अभिव्यक्तियों के दुर्लभ मामलों में वृद्धि होगी क्योंकि पहले से कम जोखिम अज्ञात है।”
एम-निमोनिया चीन में वृद्धि से जुड़ा हुआ है।

कई देशों में फैली निमोनिया की महामारी

बता दें कि कोविड-19 की बीमारी के बाद चीन में बच्चों में निमोनिया के कई मामलें सामने आए है। इसके कारण बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या लगातार बढ़ रही है। मामलों में बढ़ोतरी का कारण बैक्टीरिया एम-न्यूमोनिया को बताया गया, जो तेजी से दुनिया भर में अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल, भारत और कई अन्य देशों में फैल गया।

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