Arunachal Pradesh: अब अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीनी सेना के बिगड़े बोल सामने आए हैं। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश को चीन का पारंपरिक (अभिन्न) हिस्सा बताया है। चीनी सेना की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन की आपत्ति खारिज होने के बाद आई है। प्रधानमंत्री मोदी इसी महीने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा तक जाने वाली सेला टनल का उद्घाटन करने गए थे।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने दिया बेतुका बयान
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा कि शिजांग का दक्षिणी भाग (तिब्बत का चीनी नाम) चीन का पारंपरिक हिस्सा है। बीजिंग इस बात को कभी नहीं भूल सकता और उस क्षेत्र को अरुणाचल प्रदेश का नाम देकर किए जाने वाले काम का पुरजोर विरोध करता है। प्रवक्ता ने सेला सुरंग और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर यह बात कही।
भारत ने इसे बेतुकी हरकत बताया
भारत सरकार के किसी भी प्रमुख व्यक्ति या किसी अन्य प्रभावशाली व्यक्ति के अरुणाचल प्रदेश जाने और वहां की हर बड़ी परियोजना का विरोध करना चीन की आदत बन गई है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम मंदारिन भाषा में भी रखे हैं। लेकिन भारत ने हमेशा चीन के दावे को खारिज किया है और चीन द्वारा किए गए नामकरण को बेतुकी हरकत भी बताया है।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग
भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री मोदी 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश गए थे और वहां उन्होंने 825 करोड़ रुपये की लागत से बनी सेला टनल का उद्घाटन किया था। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग के जरिए एलएसी पर पूरे साल यातायात जारी रहेगा। यह दुनिया में सबसे ऊंचाई पर बनी कृत्रिम सुरंग है।
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