chinese-companies-have-not-invested-in-indias-highway-projects-in-recent-times बीते एक साल से किसी भी चीनी कंपनी ने भारत के हाइवे प्रोजेक्ट में नहीं किया निवेश : जाने, वजह

गलवान घाटी में चीनी व भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन से निवेश पर लगाया बैन
लद्दाख के पास गलवान घाटी में बीते साल हुई हिंसक झड़प के बाद से किसी भी चीनी कंपनी ने भारत ्रके हाइवे प्रोजेक्ट में निवेश नही किया है। चीन के साथ हुई इस झड़प मेें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस खूनी झड़प के बाद ही केंद्रीस सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया था कि सभी तरह के हाइवे प्रोजेक्ट्स में चीन निवेश को बैन कर दिया है। यह बैन संतुक्त रूप से भारत व चीन की भागीदारी से बनाए जा रहे प्रोजेक्ट्स पर भी लगाया गया है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब केंद्रीय मंत्री से चीन से निवेश को लेकर प्रश्न किया गया तो उन्होंने इस प्रश्न का जवाब न में दिया और कहा कि भविष्य में भी चीनी निवेश पर पूर्ण से रूप से प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, उन्होंने इस पर कोई और जानकारी नहीं दी। इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत को अपना आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने की जरूरत है।
टिकटॉक समेत कई ऐप्स को भी किया गया था बैन
करीब 4 दशक के बाद ऐसा हुआ था, जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर गोलियां चली थीं। इस घटना के जवाब में भारत सरकार ने चीन की कई कंपनियों के भारत में कारोबार पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन कर दिया था।
गलवान घाटी 20 सैनिकों ने दी थी शहादत
गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी के सैनिकों से झड़प में 15 जून, 2020 को भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।वहीं इस झड़प में मारे गए अपने सैनिकों का चीन ने लंबे समय तक कोई आंकड़ा नहीं दिया था। कई महीनों बाद चीन ने 4 सैनिकों के मरने की आधिकारिक पुष्टि की गई थी और रूसी एजेंसी तास ने अपनी रिपोर्ट में चीन के करीब 50 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था। इस झड़प के बाद भारत और चीन के बाद तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था।
वित्त मंत्रालय करेगा इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला
अमेरिकी कंपनी टेस्ला की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाए जाने की मांग को लेकर किए एक अन्य सवाल पर गडकरी ने छूट दिए जाने पर वित्त मंत्रालय फैसला करेगा। टेस्ला इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 40 फीसदी करने की मांग कर रही है। मौजूदा समय में 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में 60 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। इससे ऊपर की किसी भी चीज के लिए 100 फीसदी है। एलन मस्क ने कहा था कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल कार में इंपोर्ट ड्यूटी अधिक है।

India News Editor

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