देश

चीनी सैनिकों और अग्निवीर की ट्रेनिंग में कितना अंतर? जानें कैसे काम करती है चीन की सेना

India News (इंडिया न्यूज़),Chinese Military Training: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि चीनी सैनिकों को 5 साल की ट्रेनिंग मिलती है। जबकि, भारतीय अग्निवीरों को सिर्फ छह महीने की ट्रेनिंग मिलती है। दरअसल, पड़ोसी देश में सभी युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। हर साल करीब आठ लाख युवा इस अनिवार्य सैन्य सेवा के तहत 2 साल के लिए सेना में शामिल होते हैं।

पहले उन्हें तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती थी लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाकर छह महीने कर दिया गया है। फिर जब वे अपनी-अपनी रेजिमेंट में जाते हैं तो अलग से ट्रेनिंग दी जाती है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि चीनी सेना में भर्ती के क्या नियम हैं और ट्रेनिंग कितने समय की होती है।

हिंदू मामले के बाद अब कहां फंस गए राहुल गांधी? रांची के इस कोर्ट में 6 जुलाई को पेशी

चीन के पास है दुनिया की सबसे बड़ी सेना 20 लाख से ज्यादा सैनिकों के साथ चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) आज दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। ड्रैगन ने साल 2018 से अपनी सेना की भर्ती में सुधार करना शुरू किया है। दरअसल, चीनी सेना में भर्ती की प्रक्रिया चीन के सैन्य सेवा कानून के तहत आती है।

इसमें देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को देश सेवा के नाम पर सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है। इससे पहले चीनी सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती थी। अपने सुधार अभियान और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए चीन ने अब नए रंगरूटों की ट्रेनिंग का समय तीन महीने से बढ़ाकर छह महीने कर दिया है। भर्ती होने वाले किसी भी सैनिक को छह महीने की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है।

बहुत सख्त होती है ट्रेनिंग

चीनी अधिकारियों के बयानों पर यकीन करें तो नए रंगरूटों की ट्रेनिंग बहुत सख्त होती है। नए रंगरूटों को पूरी ट्रेनिंग देने के बाद ही सेना में शामिल किया जाता है। इन लोगों को अब तीन महीने की अतिरिक्त ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे खुद को सैनिक के तौर पर जीवन में ढाल सकें। इसके बाद उन्हें सेना की अलग-अलग रेजिमेंट/यूनिट में भेज दिया जाता है। यहां सैनिकों के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती है। तैनाती के बाद प्रोफेशनल स्किल ट्रेनिंग का शेड्यूल बिल्कुल अलग होता है।

अग्निवीर की फैमिली ने राहुल गांधी के दावे को ठहराया गलत, कह दी होश उड़ाने वाली बात

2013 से चीनी सेना में भर्ती गर्मियों और वसंत ऋतु में होने लगी है। पहले भर्ती सर्दियों में होती थी। इस बदलाव के बाद नए रंगरूटों को सितंबर में पीएलए में शामिल होने का मौका मिलता है और इससे सेना में ज्यादा यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट्स को शामिल करने का मौका मिलता है। नए रंगरूटों को छह महीने की ट्रेनिंग के साथ पुराने सैनिकों के साथ तैनात किया जाता है।

प्राथमिक विद्यालय से ही प्रशिक्षण का प्रावधान

यही नहीं, चीन में सैन्य सेवा कानून के अनुसार, प्राथमिक और मध्य विद्यालय से ही सैन्य प्रशिक्षकों द्वारा छात्रों का प्रशिक्षण शुरू हो जाता है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को सैन्य प्रशिक्षण देना आवश्यक है। सशस्त्र बलों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संस्थानों के माध्यम से भी प्रशिक्षण देना होता है। इसके अलावा, सैन्य शिक्षा के लिए कई संस्थान पीएलए द्वारा चलाए जाते हैं। इनमें सैन्य विज्ञान अकादमी, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शामिल हैं।

अखिलेश और राहुल के खास बने ये सांसद, विपक्ष इस नेता को लेकर बना रहे हैं खास रणनीति

चीन में एक कर्नल को मिलती है इतनी सैलरी

वर्ष 2021 में, चीनी सरकार ने सेना में वेतन सुधारों की घोषणा की। इसके अनुसार, पीएलए सदस्यों को वेतन में 40 प्रतिशत की वृद्धि दी गई। इस पर एक कर्नल ने खुशी जताते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं क्योंकि अब मुझे 7,000 युआन यानी 1,000 अमेरिकी डॉलर तक का अतिरिक्त वेतन मिलेगा। अब मेरी मासिक आय बढ़कर 20,000 युआन से अधिक हो गई है। वर्ष 2018 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एक डिवीजन स्तर के पीएलए अधिकारी को एक साल में लगभग 42000 अमेरिकी डॉलर वेतन के रूप में मिलते हैं।

चीनी सेना को छोड़ना आसान नहीं

चीनी सेना में सभी युवाओं को दो साल तक अनिवार्य रूप से काम करना पड़ता है, सेना में शामिल होने के बाद किसी सैनिक के लिए नौकरी छोड़ना आसान नहीं होता। पीएलए की वेबसाइट पर झांग नामक सैनिक को नौकरी छोड़ने पर दी गई सजा का जिक्र किया गया है। इसके अनुसार, नौकरी छोड़ने की बात करने पर झांग पर आठ जुर्माने लगाए गए। उस पर दो साल के लिए विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया, ट्रेन-बस से यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, संपत्ति खरीदने, लोन, बीमा, नया व्यवसाय खोलने और उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

इसके अलावा झांग को आजीवन सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्हें ऐसी किसी भी नौकरी के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया गया जो चीनी सरकार से संबंधित थी। झांग को अपनी ट्रेनिंग पर खर्च किए गए तीन लाख रुपये भी वापस करने पड़े।

इस दिन शपथ ले सकते हैं सांसद अमृतपाल! पंजाब सरकार ने किया ये काम

Rajesh kumar

राजेश कुमार एक वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे हैं। फिलहाल इंडिया न्यूज में नेशनल डेस्क पर बतौर कंटेंट राइटर की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले एएनबी, विलेज कनेक्शन में काम कर चुके हैं। इनसे आप rajeshsingh11899@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं।

Recent Posts

कहासुनी के बाद तेज गति से दर्जनभर लोगों पर चढ़ा दी गाड़ी, 3 की मौके पर मौत

India News (इंडिया न्यूज),Bihar: पूर्णिया में आपसी लड़ाई के दौरान शराब के नशे में पिकअप…

41 minutes ago

इस बार भी कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी, रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई

India News (इंडिया न्यूज),Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल न होने…

2 hours ago

UP News: शरारती तत्वों ने मंदिर के चबूतरे पर फोड़ा अंडा, पुलिस को ‘शरारती’ की सरगर्मी से तलाश

India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…

2 hours ago

महिला और अति पिछड़ा वोटरों को साधने की कोशिश,अब JDU बताएगी CM का काम

India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…

3 hours ago

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कही ये बड़ी बात, अमित शाह पर निशाना साधा

India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…

3 hours ago

हिमाचल प्रदेश में भीषण ठंड का अटैक, 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…

4 hours ago