India News (इंडिया न्यूज़), CAA:  नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “सीएए एनआरसी से संबंधित है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। हम असम की तरह डिटेंशन कैंप नहीं चाहते।” साथ ही उन्होंने इसे लोकसभा चुनाव से पहले एक ‘राजनीतिक हथकंडा’ करार दिया।

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आबादी के बीच विभाजन

CAA कानून के मुताबिक केंद्र अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगा। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई भी शामिल हैं। ममता बनर्जी ने सीएए के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने की आलोचना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश की आबादी के बीच विभाजन पैदा करना है। उन्होंने कहा, “सीएए का उद्देश्य देश के लोगों को विभाजित करना है।”

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जमींदार नहीं लेकिन सतर्क संरक्षक

एक कार्यक्रम के दौरान सीएम बनर्जी ने कहा कि “हम जमींदार नहीं हैं, लेकिन सतर्क संरक्षक हैं। पश्चिम बंगाल से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाएगा। सभी शरणार्थियों को यहां स्थायी ठिकाना मिलेगा।”उन्होंने कहा कि ”भाजपा की हिंदू धर्म की अवधारणा वेदों और स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं से भटकती है।”

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