India News (इंडिया न्यूज), BJP in UP: उत्तर प्रदेश में बीजेपी में कुछ ठीक नहीं ये अब जगजाहिर है। हालांकि पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच की खटपटाहट पार्टी से छुपाए नहीं छुप रही है। भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में अपेक्षित सीटें नहीं मिलीं। जिसके बाद पार्टी की अंदरूनी कलह जारी है। लोकसभा चुनाव में हुए बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ और सरकार से संगठन तक का मंथन जारी है।
इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार और संगठन की कार्यशैली में कुछ बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। लखनऊ में 14 जुलाई को भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि संगठन’ सरकार से बड़ा था, है और रहेगा। इसी बैठक में योगी ने कहा था कि अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी अपेक्षित नतीजे हासिल करने से दूर रही।
- यूपी उपचुनाव में क्या होने वाला है कुछ बड़ा ?
- अफसरों पर योगी कसेंगे लगाम
- ये है योगी का जीत मंत्र
यूपी उपचुनाव में क्या होने वाला है कुछ बड़ा ?
वो कहते हैं ना कि राजनीति में कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता है। इस बार के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी की जो हालत हुआ उसका असर जो सीएम योगी पर पड़ रहा है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं। यही कारण है कि लग रहा है कि इस बार के उप चुनाव में कुछ बहुत बड़ा हो सकता है। सीएम योगी 26 जुलाई को दिल्ली में ही थे। इस समय उन्होने भरपूर फायदा उठाया है। जिसमें बैठकों का दौर भी चला। कल देर रात ही दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ सीएम योगी की ओर से बैठकों की शुरुआत की गई। वहीं आज ये संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से योगी की मुलाकात हो सकती है।
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अफसरों पर योगी कसेंगे लगाम
सीएम योगी की ओर से इन बैठकों के दौरान आने आने वाली 2027 विधानसभा चुनावों के लिए एक जीत का मंत्र तैयार हुआ है। इसके तहत पार्टी के कार्यकर्ता संचार, सक्रिय जुड़ाव और सोशल मीडिया पर ध्यान देंगे। सीएम ने निर्देश दिए है कि युवा और महिला संगठनों से जुड़े हुए ऐसे युवाओं को बिना किसी रिश्वत या जाति, धर्म या पंथ के आधार पर भेदभाव के सरकारी नौकरियों के निष्पक्ष प्रावधान के बारे में जानकारी दी है।आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी पर अभी से ही कमर कसने के लिए कहा गया है। इन सबके बीच अगर कोई ऐसा अधिकारी है जो कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में लापरवाही बरत रहा है तो उसके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करें, इसके आधार पर उचित कार्रवाई जरूर की जाएगी।