India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh Stampede Latest Updates: प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार (29 जनवरी, 2025) को मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन करने का फैसला किया है। इस घटना से प्रदेश सरकार काफी आहत है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ काफी भावुक नजर आ रहे हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव के चलते यह घटना हुई। अब व्यवस्थाओं को और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने दो सबसे भरोसेमंद आईएएस अफसरों को महाकुंभ में भेजा है।
कौन हैं वो दो अफसर?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, ये आईएएस अफसर आशीष गोयल और भानु गोस्वामी हैं। ये दोनों ही काफी अनुभवी अफसर हैं और 2019 में प्रयागराज में हुए अर्धकुंभ की व्यवस्थाएं इन्हीं के हाथों में थीं। दोनों अफसरों ने उस समय बेहतरीन व्यवस्थाएं की थीं। 2019 के अर्धकुंभ में आशीष गोयल और भानु गोस्वामी की जोड़ी ने विजय किरण आनंद के साथ मिलकर पूरी व्यवस्था संभाली थी। भानु गोस्वामी तब डीएम और प्रयागराज प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। तो वहीं, आशीष गोयल तब इलाहाबाद के कमिश्नर और अर्धकुंभ मेले के प्रभारी थे। इसके साथ ही पांच और विशेष सचिव रैंक के अधिकारियों को कुंभ में भेजा गया है, जिन्हें प्रयागराज में कुंभ के प्रबंधन का अनुभव है।
सीएम योगी ने लिए कई अहम फैसले
इसके साथ ही सीएम योगी ने कई और अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला क्षेत्र हो या प्रयागराज से बाहर जाने वाला रास्ता, कुछ भी रुकना नहीं चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि, हर श्रद्धालु को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। प्रयागराज की ओर आने वाले हर रास्ते पर पेट्रोलिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में यातायात नहीं रुकना चाहिए। सीएम ने अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट प्रशासन को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। महाकुंभ में व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज में मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी की तैनाती के साथ ही पांच विशेष सचिवों को भी महाकुंभ क्षेत्र में तैनात किया जा रहा है।
हादसे के बाद सीएम योगी ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में प्रयागराज, कौशांबी, वाराणसी, अयोध्या, मीरजापुर, बस्ती, जौनपुर, चित्रकूट, बांदा, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, संत कबीर नगर, भदोही, रायबरेली, गोरखपुर आदि जिलों में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ देर रात तक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस बैठक के बाद ये बड़े फैसले लिए गए।