इन दिनों देश भर में NEET पेपर लीक का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस केस में पेपर लीक माफिया से लेकर साइबर क्रिमिनल्स और सॉल्वर गैंग की लंबी चौड़ी भूमिका सामने आई है। इस केस में धड़ाधड़ 24 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। EOU और CBI की पड़ताल के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पेपर लीक मामले पर बड़ा फैसला लेकर आए हैं। योगी सरकारी की कैबिनेट ने पेपर लीक करने वाले अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसमें उम्रकैद से लेकर 1 करोड़ जुर्माने तक की सजा रखी गई है। आगे जानें इस अध्यादेश में क्या-क्या है?
- पेपर लीक माफियाओं पर सख्त हुए सीएम योगी आदित्यनाथ
- सॉल्वर गैंग से की जाएगी तगड़ी वसूली
- दोषियों को होगी उम्रकैद की सजा
दरअसल, उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में एग्जाम पेपर लीक का मामला सामने आया था। इसके बाद योगी सरकार ऐसे मामलों पर सख्त हो गई है और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाया गया है, जिसे योगी कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। जिसके हिसाब से पेपर लीक में भूमिका साबित होने पर दोषी को उम्रकैद हो सकती है। इसके अलावा दोषियों पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा।
NEET पेपर लीक में नए खुलासे, MBBS छात्रों के ‘सॉल्वर गैंग’ और पेपर लीक माफिया की खुली पोल?
इस अध्यादेश के मुताबिक पेपर लीक केस में दोषी पाए जाने पर सॉल्वर गैंग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और एग्जाम पर आने वाले खर्च की सारी भरपाई इसी गैंग से करवाई जाएगी। सॉल्वर गैंग के साथ परीक्षा में गड़बड़ी में भूमिका पाए जाने पर कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को भी लाइफ टाइम के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इस बाबत सरकार ने प्रेस नोट जारी कर फर्जी प्रश्नपत्र बांटने, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाने जैसे कामों को भी दण्डनीय बताया है।