महाराष्ट्र में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सवाला किया कि ट्रेन यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत कब बहाल होगी? इस पर रेल मंत्री वैष्णव ने लोकसभा में जवाब दिया है। बता दें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार सदन में कहा कि रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें फिलहाल बहाल नहीं की जा सकतीं क्योंकि यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी पिछले साल दी गई थी. इसके अलावा सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर के पेंशन और वेतन बिल भी बहुत ज्यादा हैं.
रेल मंत्री ने गिनाएं करोड़ों खर्च
गौरतलब है COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से इस रियायत को निलंबित कर दिया गया है. मंत्री ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है, जो एक बड़ी राशि है और कुछ राज्यों के वार्षिक बजट से भी बड़ी है. उन्होंने कहा कि रेलवे का वार्षिक पेंशन बिल 60,000 करोड़ रुपये है, वेतन बिल 97,000 करोड़ रुपये है जबकि ईंधन पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
हर टिकट पर 55% कंसेशन
आगे उनका कहना है कि हर टिकट पर 55% कंसेशन दिया जा रहा है। उन्होंने समझाते हुए कहा कि अगर एक यात्री को ले जाने के लिए रेलवे की कॉस्ट 1.16 रुपये आती है तो रेलवे, यात्रियों से केवल 40-48 पैसे ही चार्ज करती है. पिछले साल केवल यात्री सेवा पर कुल सब्सिडी करीब 59 हजार करोड़ दी गई थी.