India News (इंडिया न्यूज), कनिका कटियार की रिपोर्ट, Jharkhand Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट कल देर रात जारी की, कांग्रेस की पहली लिस्ट में 21 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। जिसमें अधिकतर मौजूदा विधायकों को एक बार फिर से चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाया गया है। झारखंड की पहली लिस्ट में करीब 15-18 विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर झारखंड में इंडिया गठबंधन का सीट शेयरिंग पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है, क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर राजद से बात नहीं बन पा रही है।
सूत्रों के मुताबिक इंडिया गठबंधन में राजद 10-12 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कांग्रेस पर यह दवाव बनाया जा रहा है कि, अगर आरजेडी को सीट देनी है तो कांग्रेस अपने खाते में से दे। हम आपको बतातें चलें कि, दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई और फिर देर रात 21 उम्मीदवारों की सूची को जारी किया गया।
कांग्रेस की कथनी और करनी में बड़ा फर्क?
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की जब दिल्ली में बैठक हुई थी। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने CEC की बैठक में यह कहा था कि जिन नेताओं के खिलाफ कोई भी आपराधिक या कोई भी बड़ा आरोप है तो पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी। राहुल गांधी और खरगे की ओर से इस बात को पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के बीच में यह बात रखी गई थीं, लेकिन इस बात पर कोई अमल नहीं किया गया। पिछले हरियाणा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सभी विधायकों को टिकट दिया। जिसमें से कई ऐसे विधायक थे, जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और इनपर ईडी की कार्रवाई चल रही थी। कांग्रेस विधायक धरम सिंह चोखर, राव दान सिंह जैसे नेता जिनपर कई आरोप चुनाव से पहले लगे थे। लेकिन इनको विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया और यह नेता हार गए।
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झारखंड चुनाव में भी कांग्रेस कर रही वही गलती
इसी तरह झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भी एक बार फिर से वही स्थिति और फैसले देखने को मिल रहे हैं। मौजूदा विधायकों में से कई ऐसे विधायक है। जिनपर भ्रष्टाचार या कोई न कोई संगीन आरोप है। झारखंड विधानसभा सीट जमशेदपुर वेस्ट से पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता को कांग्रेस ने टिकट दिया हैं। बीते दिनों कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता पर रेप का आरोप लगा था। हालांकि उनपर ये आरोप सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन इस चुनाव में उनको कांग्रेस ने टिकट दे दिया है। इसके अलावा इरफान अंसारी को कांग्रेस से इस बार जामतारा से टिकट दिया हैं, इसी साल इरफान अंसारी पर बड़ा आरोप लगा था कि वह पार्टी तोड़ने जेसी गतिविधियों में शामिल है। हालांकि उसके बाद उनको मंत्री बनाया गया और अब दोबारा विधानसभा का टिकट दिया गया है।
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कांग्रेस अपने ही बनाए नियमों का नहीं कर रही पालन
कांग्रेस पार्टी अपने ही बनाए नियमों का पालन पार्टी के भीतर नहीं कर पाती। एक तरफ टॉप लीडरशिप लगातार इस तरह के नियम और बातों को अपने फोरम पर रखती है। लेकिन चुनाव आने के वक्त इस तमाम नियमों का खुद पालन नहीं करती है। सूत्रों के मुताबिक खुद कांग्रेस आलाकमान को हर राज्य के नेताओं की रिपोर्ट पता होती है। लेकिन फिर भी कड़ा फैसला नहीं लिया जाता। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष ने कई ऐसे नियमों को अपने नेताओं के आगे बैठकों में रखा है। लेकिन जब फैसले का समय आता है तो आलाकमान फैसला नहीं ले पाता। कांग्रेस के इन फैसलों से पार्टी के कई कार्यकर्ता नाराज भी बताए जा रहे है, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का एक तबका इसे पार्टी लीडरशिप की बड़ी विफलता मानता है।