India News (इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे पार्टी के भीतर और बाहर दोनों स्तरों पर असंतोष देखा जा रहा है। वहीं चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने बीते गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक को लेकर मीडिया में कई तरह की अटकलों ने जोर पकड़ा, जिसमें यह दावा किया गया कि राहुल गांधी पार्टी की स्थिति से बेहद नाराज थे। उन्होंने यह कहा कि हरियाणा के चुनाव में पार्टी के नेता पार्टी की बजाय अपने व्यक्तिगत हितों के लिए लड़ रहे थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय ने इन सभी अटकलों का खंडन करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया कि हरियाणा चुनाव के परिणामों की समीक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी की बैठक के बाद मीडिया में कई मनगढ़ंत और आधारहीन खबरें चलाई जा रही हैं। बैठक के बाद वरिष्ठ नेताओं ने मीडिया को उक्त जानकारी दी थी। हम मीडिया से आग्रह करते हैं कि वे हमारी औपचारिक जानकारी पर ही भरोसा करें और गैर-आधिकारिक अनुमानों से बचें। पार्टी ने चुनाव में प्रत्याशियों की शिकायतों और विसंगतियों की जांच के लिए एक तकनीकी टीम भी गठित की है।
यह हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी चुनावों में कांग्रेस कमजोर दिख रही है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी की बॉडी लैंग्वेज बैठक के दौरान काफी बदली हुई थी। बैठक के शुरुआत में वे चुप रहे और फिर अपनी बात रखकर चले गए। बैठक में अजय माकन, अशोक गहलोत, दीपक बाबरिया और केसी वेणुगोपाल जैसे उच्चस्तरीय पर्यवेक्षक शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी शांत रहे लेकिन उन्होंने इलेक्टरोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और चुनाव आयोग (ईसी) को लेकर सवाल उठाए। उनका कहना था कि चुनाव के दौरान पार्टी नेताओं ने अपनी प्रगति के लिए काम किया और पार्टी के हितों को अनदेखा किया। इसी के साथ वे बैठक से उठकर चले गए।
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