इंडिया न्यूज, पणजी (Congress Saved From Defection) : गोवा में दलबदल से कांग्रेस पार्टी बच गई है। पार्टी बैठक में शामिल विधायकों की संख्या को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस ने गोवा में दलबदल को रोक लिया है। गोवा में कांग्रेस के कुल 11 विधायकों में से 10 ने यहां वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भाग लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत के अलावा, माइकल लोबो सहित अन्य सभी कांग्रेस विधायक सोमवार रात पार्टी के राज्य मुख्यालय में दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मौजूद रहे। कांग्रेस के गोवा मामलों के प्रभारी दिनेश गुंडू राव और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित पाटकर भी बैठक में मौजूद थे।
मुकुल वासनिक ने दावा किया कि कुछ लोग गलत इरादों से गोवा कांग्रेस में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि विधायकों ने एकजुटता दिखाकर इसे नाकाम कर दिया है। उन्होंने कहा कि बैठक में विधायकों के साथ विधानसभा में पूरे जोश के साथ काम करने और तटीय राज्य में पार्टी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
रविवार को, कामत और लोबो सहित कांग्रेस के पांच विधायकों से संपर्क न हो पाने की खबरें आ रहीं थी। हालांकि, ये विधायक सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन गोवा विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और दावा किया कि सब कुछ सही है और वे पार्टी के साथ हैं। कांग्रेस ने लोबो और कामत पर राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर साजिश रचने और मिलीभगत करने का आरोप लगाया था, ताकि पार्टी के विधायकों में फूट डाली जा सके।
पार्टी ने लोबो को 40 सदस्यीय विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटा दिया। राव द्वारा रविवार को बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस विधायक दल के कुछ सदस्यों के शामिल नहीं होने के बाद, पाटकर ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर के समक्ष कामत और लोबो को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका दायर की थी।
याचिका वापस लिए जाने के सवाल पर वासनिक ने कहा कि ये सब सवाल आप अभी मत पूछिए, बाद के लिए भी कुछ छोड़ दीजिए। सोमवार की रात को बैठक के बाद लोबो ने पत्रकारों से कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं तथा रविवार को बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में शामिल ना होने के कारण पार्टी को गलतफहमी हो गई थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक पार्टी के साथ हैं। मैंने उनसे कहा है कि मैं नेता प्रतिपक्ष के रूप में सेवा जारी नहीं रख सकता क्योंकि मैं पद के साथ इंसाफ नहीं कर पाऊंगा। उन्होंने कहा कि दिगंबर कामत या संकल्प अमोनकर जैसे वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना जाना चाहिए।
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