गोपेंद्र नाथ भट्ट, नई दिल्ली:
Congress Working Committee Meeting: कांग्रेस हाई कमान विशेष कर गांधी-नेहरू परिवार के भरोसेमन्द विश्वासपात्र वफादार और पार्टी के सिद्धांतों नीतियों एवं कार्यक्रमों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर कांग्रेस के संकट मोचक की भूमिका निभाते हुए जी-23 नेताओं से सुलह में अहम भूमिका निभाई है।
दरअसल गहलोत दो भागों में विभाजित लग रही कांग्रेस को एकजुट करने में एक मजबूत सेतु बने है। फलस्वरूप शनिवार को सीडब्ल्यूसी (Congress Working Committee Meeting) की बैठक में असन्तोष के कोई स्वर नहीं उभरें और सभी ने एक बार फिर सोनिया गांधी के प्रति पूरा भरोसा जाहिर किया है।
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साथ ही कांग्रेस कार्य समिति की बैठक (Congress Working Committee Meeting) में कांग्रेस संगठन की चुनावी तारीख का ऐलान भी हुआ है जिसके अनुसार कांग्रेस को अगले वर्ष अक्टूबर में नया अध्यक्ष मिलेगा और तब तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस सुप्रीमो रहेंगी। बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल अम्बिका सोनी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहें। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अस्वस्थ होने और दिग्विजय सिंह एवं कुछ अन्य नेता कतिपय निजी कारणों से बैठक (Congress Working Committee Meeting) में नहीं आ सके।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस कार्य समिति की बहुप्रतिक्षित बैठक (Congress Working Committee Meeting) में भाग लेने शुक्रवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने एयरपोर्ट से सीधे ही कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अम्बिका सोनी से उनके निवास पर दो घण्टे से अधिक समय तक पार्टी के वर्तमान हालातों पर गहन विचार विमर्श किया। अम्बिका गहलोत के पिछलें मुख्यमंत्री कार्यकाल में राजस्थान की प्रभारी रही है। गहलोत ने पार्टी में बिखराव की साजिश और भाजपा द्वारा कांग्रेस मुक्त भारत का रोग फैलाने की समस्या को जड़ मूल से उखाड़ने की दवा अपनाने पर किए गए अपने प्रयासों से अवगत कराया। अम्बिका सोनी इन दिनों सोनिया गांधी को फीड बेक और सुझाव देने की सशक्त कड़ी है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत जी-23 नेताओं द्वारा शुरू की बयानबाजी के समय से ही सक्रिय हो गए थे उन्होंने न केवल हाई कमान के पक्ष में हमेशा की तरह आगे आकर ठोस बयान दिए वरन संकट से निपटने के लिए रणनीति भी बनाना शुरू कर दिया। यहां तक की अपनी हार्ट सर्जरी के बावजूद प्रयास जारी रखें। उन्होंने समय समय पर जयपुर यात्रा पर आए दिग्विजय सिंह गुलाम नबी आजाद कुमारी शैलजा वी शिव कुमार और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ इस सम्बन्ध में लम्बी वार्ता की।
साथ ही वे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ निरन्तर सम्पर्क में रह कर सम्मानजनक हल निकालने में जुट गए। इस दौरान वे कतिपय असंतुष्ट नेताओं का कोप भाजक भी बने लेकिन अपने निश्चय से अडिग नहीं हुए। इस प्रकार गहलोत फिर से हाई कमान के संकटमोचक की भूमिका निभा रहे हैं।
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राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चार नेता इसमें शामिल हुए जिनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जिंतेंद्र सिंह अलवर, पूर्व सांसद रघुवीर मीना और राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मन्त्री डॉ रघु शर्मा ने गुजरात प्रभारी के रूप में बैठक में हिस्सा लिया। पांच घण्टे तक चली बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, बढ़ती महंगाई, किसानों का प्रदर्शन और देश की आर्थिक स्थिति सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
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