इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
कोरोना के मामलों में देश को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार सुबह तक देश भर में पिछले 24 घंटों में केवल 25,404 नए (tewnty five thousand four hundred and four) सामने आए। इस दौरान 339 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। इसी अवधि में 37,127 मरीज इस जानलेवा बीमारी को हराकर घर लौट गए हैं। इसी सोमावार को देश में कोरोना को 27,254 मामले सामने आए थे। बता दें कि 9 सितंबर से कोरोना मामले लगातार घट रहे हैं। कोरोना के मामलों में आ रही गिरावट से हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि, केरल में कोरोना का आंकड़ा अब भी चिंता का सबब बना हुआ है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इस राज्य में दैनिक मामले डरा रहे हैं। वहीं, 150 से ज्यादा लोग कोरोना की वजह से दम तोड़ रहे हैं। कोरोना महामारी की शुरूआत से लेकर अबतक कुल तीन करोड़ 32 लाख 89 हजार लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 4 लाख 43 हजार 213 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये है कि अबतक 3 करोड़ 24 लाख 84 हजार लोग ठीक भी हुए हैं। भारत में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या फिलहाल 3,62,207 है। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट यहां पर लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। बाकी देशभर में कोरोना की संख्या में कमी टीकाकरण अभियान को तेज करने से आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन ड्राइव तेज होने की वजह से कोरोना के नए मामले कम हो रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण कवच बनकर सामने आ रहा है। देश में कोरोना मामलों का रेट 1.78 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 97.58 फीसदी है। एक्टिव केस 1.09% फीसदी हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत अब 7वें स्थान पर है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। जबकि अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
तीसरी लहर की आशंका के बीच पांच से 12 साल तक के बच्चों के लिए टीका अगले माह तक उपलब्ध हो सकता है। यह कम उम्र के बच्चों के परिजन के लिए राहत की बात होगी क्योंकि अभी तक टीके केवल 12 साल और उससे ऊपर के बच्चों के लिए ही उपलब्ध थे। यह जानकारी इस अभियान से जुड़े दो विशेषज्ञों ने दी है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के पूर्व आयुक्त एवं फाइजर बोर्ड के सदस्य डॉ. स्कॉट गोटलिब ने कहा है कि कम उम्र के बच्चों के लिए टीकों की मंजूरी मिलने के लिए क्लीनिकल आंकड़ों की त्वरित समीक्षा जरूरी होगी।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल के मुताबिक, कोरोना को हराने के लिए वैक्सीन, दवाई और कोरोना उपयुक्त व्यवहार की जरूरत है। अगर कोरोना को मात देनी है तो इन सभी चीजों का एक साथ पालन करना होगा, इसलिए अगले साल भी भारत में लोगों को मास्क पहनकर ही रहना होगा। आने वाले त्योहारों को देखते हुए चेतावनी दी है और कहा है कि तीसरी लहर की संभावना अभी टली नहीं है आने वाला समय रिस्की है। एक इंटरव्यू में डॉ वीके पॉल ने उक्त बातें कहीं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग के एक वैज्ञानिक, प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर खासकर उन लोगों के लिए कम घातक होगी जिन्होंने टीका लिया हुआ है या जो लोग वायरस से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना कम से कम तीन महीने बाद आएगी, लेकिन चल रहे कोरोना वायरस टीकाकरण से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और उन्हें इस लहर का विरोध करने में मदद मिलेगी। चौबे ने कहा कि हर तीन महीने में एंटीबॉडी का स्तर गिरता है तभी तीसरी लहर की संभावना है।
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