इंडिया न्यूज, नोएडा (Supertech Twin Towers): नोएडा के सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। लंबी कानूनी प्रक्रियाओं और तमाम अड़चनों के बाद अब ट्विन टावर्स को गिराने में 24 घंटे से भी कम का समय रह गया है। ट्विन टावर्स को गिराने के लिए 28 अगस्त (रविवार) की तारीख तय की गई है।
32 और 29 मंजिला बिल्ड्ंिग्स को ब्लास्ट के जरिए गिराया जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी है। दोनों बिल्ड्ग्सिं में विस्फोटक फिट कर दिए गए हैं। दोनों टावर में कल सुबह 7.30 बजे तक आसपास की चार बड़ी इमारतों (एमरॉल्ट कोर्ट और एटीएस विलेज) समेत करीब 7 हजार लोगों को उनके फ्लैट से बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा। 5 हजार वाहनों को भी दूसरी जगह भेजा जाएगा।
इसके बाद एक बटन दबाया जाएगा, जिसके बाद दोनों टावर्स को विस्फोटकों से उड़ा दिया जाएगा। देखते-देखते दोनों टावर आसमान की ऊंचाइयों से गिरकर धूल में समा जाएंगे। बताया गया है कि 700-800 करोड़ रुपए की वैल्यू वाले दोनों टावर्स को ध्वस्त होने में सिर्फ 12 सेकेंड का समय लगेगा। दोनों इमारत को गिराने में महारत हासिल करने वाला साउथ अफ्रीकन कंपनी जेट डिमोलिशन की 7 सदस्यीय टीम और स्वदेशी फर्म एडिफिस इंजीनियरिंग 28 अगस्त को ट्विन टावर को जमींदोज करने के मिशन को पूरा करेंगे।
इस आपरेशन महाविस्फोट में मुख्य भूमिका निभा रहे चेतन दत्ता धमाके का फाइनल बटन दबाएंगे। बारूद लगाने के लिए 7 हजार के करीब सुराख इमारत में किए गए हैं। विस्फोट के पहले ब्रिक्समैन समेत 6 कर्मी बिल्डिंग के 100 मीटर के दायरे में जिम्मेदारी संभालेंगे। विस्फोट के पहले बॉक्स चार्ज कराया जाएगा। फिर 9500 लेयर्स में डायनामाइट में करंट दिया जाएगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक जिस इलाके में ये टावर्स बने हैं। वहां प्रॉपर्टी की वैल्यू फिलहाल 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है। इस हिसाब से सुपरटेक के दोनों टावर्स की वैल्यू 1000 करोड़ रुपये के पार निकल जाती है। इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हैं और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपए खर्च किया था। वहीं ट्विन टावर्स को गिराने में लगभग 18 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी।
बताया गया है कि एमराल्ड कोर्ट की इमारत को बचाने के लिए ट्विन टावर के ही पश्चिमी गेट की ओर गिराने की योजना है। दोनों बिल्डिंगों को तीन मीटर की दूरी पर डिमोलिश करने की प्लानिंग है, ताकि एस्टर-2 पर जाकर ये मलबा न गिरे। सुपरटेक के एस्टर-2, एस्टर-3 और एस्पायर 1 टावरों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा। पहला धमाका Ceyane के बी1 में और एपेक्स के एस्टर2-3 में होगा। विस्फोटकों को जोड़ने वाले तारों के साथ हर फ्लोर में वायरिंग को पूरा कर लिया गया है। अब बस उन्हें इग्निशन प्वाइंट से जोड़ना बाकी है।
दोनों टावर्स को गिराने में 3700 किलो डायनामाइट इमारत में लगा है। इन धमाकों के बीच बहुत ही कम सेकेंड का अंतराल होगा। इससे पूरी इमारत ताश के पत्तों की नीचे गिर जाएगी। इससे करीब 35 हजार घन मीटर से ज्यादा मलबा निकलने का अनुमान है। धूल और धुएं का गुबार 900 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है और 3 किलोमीटर के दायरे में फैल सकता है।
ट्विन टावर के आसपास के 150 फ्लैट्स ऐसे हैं जिन पर ज्यादा खतरा है। दोनों टावर्स को गिराने से पहले सुबह 7 बजे बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। वहीं आईजीएल गैस पाइपलाइन का कनेक्शन भी 6.30 पर काट दिया जाएगा जबकि आरडब्ल्यूए 12 बजे के करीब इलेक्ट्रिक सप्लाई काट देगा।
दोनों टावर्स को गिराने के बाद 35 हजार घन मीटर से ज्यादा मलबा निकलेगा। इसे साफ करने के लिए 100 से ज्यादा ट्रक 1200-1300 फेरे लगाएंगे। क्षतिग्रस्त इमारत से करीब 4 हजार टन लोहा-स्टील निकलेगा। कंपनी इसे बेचकर अपना खर्च निकालेगी।
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