India News (इंडिया न्यूज़), Jammu-Kashmir, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अपराधों की ऐसी कई कहानियां है जिसमें वहां की पूर्व सरकारों ने इंसाफ करने में कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसा है ही एक मामला उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा के सदरकूट का। साल 1996 के विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir) में नेशनल कान्फ्रेंस के पक्ष में मतदान करने पर सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। अदालत ने इन हत्या के आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है।
हत्या के एक आरोपियों में से एक मोहम्मद अयूब डार सालों से फरार था। उसे साल 2021 में पकड़ा गया। वह सेना की टेरिटोरियल आर्मी में था बाद में सेना ने उसे निकाल दिया।
मामले की सुनवाई बांडीपोरा के मुख्य सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई। मोहम्मद अयूब डार, हकबारा हाजिन का रहने वाला है। कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका निरस्त कर दिया। अदालत की तऱफ से कहा गया कि उस पर जघन्य अपराध का आरोप है। अदलात की तऱफ से कहा गया कि आरोपित को जमानत पर रिहा करने के लिए भी कोई ठोस आधार नहीं हैं। इसलिए उसकी जमानत याचिका को रद करते हुए मुख्य फाइल का हिस्सा बनाया जाता है।
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