India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Case: कोलकाता में मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म और हत्या की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बीच घटनास्थल की कुछ तस्वीरें सामने आई है। ये तस्वीरें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल के अंदर की हैं। घटनास्थल पर मृतक का बैग दिखाई दे रहा है। घटनास्थल को भी सफेद कपड़े से ढक दिया गया है। तस्वीरों में कोलकाता पुलिस और FSL की टीम घटना की जांच करती नजर आ रही है। क्राइम सीन की इन तस्वीरों में दिख रहा है कि छात्रा का बैग बेंचनुमा बेड पर रखा हुआ है और नीचे छात्रा का शव पड़ा हुआ है। तस्वीरों को देखकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या घटना के वक्त छात्रा बेंच से नीचे गिरी थी।
घटनास्थल पर कुल 12 लोगों की जांच
बता दें कि, क्राइम सीन को चादर से ढक दिया गया है। साथ ही फोरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिसकर्मियों के साथ वहां कई लोग नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में घटनास्थल पर कुल 12 लोग मौजूद हैं। ये लोग कौन हैं? इसकी भी जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में जांच का दायरा और बढ़ता जा रहा है।
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20 फीसदी किरदारों का हो चुका पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई इस घटना में शामिल करीब 20 फीसदी किरदारों का पॉलीग्राफ टेस्ट करा चुकी है। जांच के दायरे में आए 47 किरदारों में से 10 का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा चुका है। इसका मतलब यह है कि जिनके बयान संदिग्ध हैं, उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा रहा है। पॉलीग्राफ टेस्ट कराने वालों में आरोपी संजय रॉय, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, चार जूनियर डॉक्टर, अस्पताल के दो सुरक्षा गार्ड, एक सिविल वॉलंटियर और एएसआई अरूप दत्ता शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल पर क्राइम सीन से छेड़छाड़ की वजह से सीबीआई मामले में इतने वैज्ञानिक परीक्षण और तकनीकी जांच करा रही है, ताकि सच सामने आ सके।
14वें दिन भी पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ
शुक्रवार को सीबीआई ने आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 14वें दिन भी पूछताछ की। इसके अलावा आरजी कर अस्पताल के कुछ डॉक्टरों से भी पूछताछ की गई। इस बीच, शुक्रवार को कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में भाजपा की महिला मोर्चा ने लंबा मार्च निकाला। मोर्चा पश्चिम बंगाल के महिला आयोग के दफ्तर पर ताला जड़कर पहुंच गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि महिला डॉक्टर की हत्या और कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के बाद भी महिला आयोग चुप रहा, इसलिए उसे बंद कर देना ही बेहतर है।