इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है। जानकारी दें, ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शैलेनबर्ग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति पर उनके बीच खुली और सार्थक चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि काफी हद तक दोनों देशों के रुख समान हैं, हालांकि हम अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित हैं और हमारी कुछ बाध्यताएं हैं। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कारण शांति एवं सुरक्षा के लिए होने वाले खतरों पर बातचीत की। इसमें हिंसक चरमपंथ और कट्टरपंथ द्वारा सीमा पार से होने वाला आतंकवाद भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रभावों को एक क्षेत्र में सीमित नहीं किया जा सकता, खास तौर पर जब वे मादक पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने किसी देश का नाम लिये बगैर कहा, चूंकि (आतंकवाद का) का केंद्र भारत के इतना करीब स्थित है कि स्वाभाविक रूप से हमारे अनुभव और अंतर्दृष्टि अन्य के लिए उपयोगी है। जयशंकर दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे हैं।
जानकारी दें, विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों में काफी सुधार किया है। उसके साथ जमीनी सीमा का समझौता किया है। उन्होंने कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे सफल कूटनीति मजबूत संबंधों में सीधे तौर पर योगदान देती है। आपको बता दें, 9 दिसंबर 2022 को तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे। इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं।
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