इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयक पेश करने की बात सामने आने के बाद क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया है।

कल रात करीब 11 बजे सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 फीसदी या उससे ज्यादा की गिरावट देखी गई। वहीं बिटकॉइन में 17 फीसदी से ज्यादा, टीथर में लगभग 18 फीसदी और एथेरियम में लगभग 15 फीसदी की गिरावट आई।

विधेयक में कड़े प्रावधान (Cryptocurrency)

केंद्र सरकार ने कल संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना में डिजिटल मुद्रा ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को लेकर एक विधेयक सूचीबद्ध किया है।

इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है। ऐसी खबर है कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर मोदी सरकार सख्त रवैया अपनाने वाली है। वह इसके लिए जो नियमन बिल ला रही है, उसमें कड़े प्रावधान होंगे। कुछ राहत वाले प्रावधानों के साथ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी को बैन कर दिया जाएगा। इसे तकनीक बनाकर सही ढंग से भारत में प्रमोट किए जाएगा।

जानिए क्या है विधेयक का मकसद (Cryptocurrency)

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रस्तावित विधेयक को लाने का मकसद रिजर्व बैंक की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है। केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए इस विधेयक को इस साल संसद में बजट सत्र के दौरान भी पेश किया था।

पीएम मोदी युवाओं के लिए मुद्रा को बता चुके हैं खतरा (Cryptocurrency)

प्रधानमंत्री भी युवा पीढ़ी के लिए क्रिप्टोकरंसी को खतरा बता चुके हैं। उन्होंने सिडनी डायलोग के दौरान पिछले सप्ताह कहा था कि इस पर पूरी दुनिया को काम करना चाहिए कि यह गलत हाथों में न जाए। उन्होंने कहा है, अगर क्रिप्टोकरंसी गलत हाथों में जाती है तो यह हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकती है। मोदी ने कहा, हम युग परिवर्तन के एक दौर में हैं, जहां टेक्नोलॉजी और डाटा नए हथियार बनकर उभरे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार कर चुकी है कई बैठकें (Cryptocurrency)

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में विधेयक पेश करने का फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने इसे लेकर कई बैठकें की थीं। ये बैठकें देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए जरूरी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए और इससे संबंधित चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए आयोजित की गई थीं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र का रुख खास सकारात्मक नहीं दिखा है।

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