India News, (इंडिया न्यूज), Dark Web: साइबर अपराध तेजी से अपना पैर पसार रहा है। लोग जितना ज्यादा सोशल मीडिया के पास जा रहे हैं खतरा उतनी ही तेजी से उनके करीब जा रहा है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को चार ऐसे लोगों को अरेस्ट किया जो डार्क वेब पर भारतीयों का डेटी लीक कर रहे थे। खबर एजेंसी एएनआई को अधिकारियों ने बताया कि, दिल्ली पुलिस साइबर यूनिट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए करीब 10 दिन पहले आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत डेटा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डेटा बैंक से लीक हो गया और डार्क वेब पर बिक्री के लिए डाल दिया गया।
पुलिस ने कहा, “अक्टूबर में उल्लंघन का पता चला था, जिसमें आधार और पासपोर्ट विवरण को डार्क वेब पर बेचने की पेशकश की गई थी।” इस मामले की जांच चल रही है।
क्या होता है डार्क वेब
साइबर अपराध की जाल में ना केवल आम लोग बल्कि बड़े- बड़े लोग भी फंस रहे हैं। यही कारण ही पुलिस प्रशासन लगातार लोगों से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं। डार्क वेब इंटरनेट के उस हिस्से को कहते है, जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के काम होते हैं। जान लें कि इंटरनेट का 96 फीसद हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हम सभी इंटरनेट कंटेंट के केवल 4% हिस्से का इस्तेमाल करते है। उसे सरफेस वेब कहा जाता है। डीप वेब पर मौजूद कंटेंट तक पहुंचने के लिए पासवर्ड की जरूरत होती है। इसमें ई-मेल, नेट बैंकिंग, आते हैं। वहीं डार्क वेब को खोलने के लिए टॉर ब्राउजर (Tor Browser) का यूज होता है। डार्क वेब पर ड्रग्स, हथियार, पासवर्ड, चाईल्ड पॉर्न जैसी बैन चीजों की बिक्री की जाती हैं।
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