इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
SUPREME COURT : सुप्रीम कोर्ट मध्यप्रदेश में सरकारी पदों पर प्रमोशन में आरक्षण (reservation in promotion) मामले पर 10 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा। मंगलवार शीर्ष कोर्ट ने मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों का पक्ष सुनने के बाद कहा कि इस मामले में अब आगे सुनवाई नहीं होगी। सभी राज्य 2 सप्ताह में अपना पक्ष लिखित में पेश करें। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने कहा कि कई वर्षों से यह मामला लंबित है। इसकी वजह से कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। अब किसी भी स्थिति में आगे तारीख नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मामले के फैसले में इंदिरा साहनी और नागराज के मामले को शामिल नहीं किया जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इन मामलों में फैसला दे चुका है। मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से इस मामले की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मनोज गोरकेला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में करीब एक घंटे तक उक्त मामले मे सुनवाई की। इस दौरान सभी राज्य सरकारों की तरफ से मध्यप्रदेश ने लीड किया। एमपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरएस सूरी, विशेष गुप्ता, संजय हेगड़े भी कोर्ट में उपस्थित हुए। गोरकेला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में अगली तारीख नहीं दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट 10 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा।