India News (इंडिया न्यूज़), Rafale For Navy, दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पेरिस पहुंचेगे। उनकी यात्रा दो दिनों की होगी। पीएम मोदी पेरिस में बैस्टिल डे परेड (14 जुलाई ) में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale-Mrine Jet) को लेकर करार हो सकता है। सौदे पर अंतिम रूप देते हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 26 राफेल (एमएस) खरीदने की मंजूरी दे दी। 26 से 22 लड़ाकू विमान होंगे जबकि चार ट्विन सीटर ट्रेंनिग विमान होंगे। राफेल के साथ-साथ तीन अतिरिक्त स्कोपीन श्रेणी की पनडुब्बियों खरीदने की भी मंजूरी दी गई है।

  • 26 राफेल खरीदे जाएंगे
  • 3 पनडुब्बियों खरीदने की भी मंजूरी
  • गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील

यह मरीन राफेल जेट नौसेना को दिए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नौसेना ने अमेरिका के एफ-18 सुपर हॉर्नेट के मुकाबले फ्रांसीसी राफेल मरीन को लेकर अपनी पंसद जाहिर की है। माना जा रहा है कि जो राफेल विमान वायुसेना के लिए खरीदे गए थे यह उनसे सस्ते होंगे। लेकिन दाम को लेकर अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है।

गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील होगी

भारत सरकार नौसेना के लिए खरीदीने जाने वाले राफेल के लिए ओपन टेंडर नहीं करेगी। सीधे गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील का रास्ता सरकार की पहली पसंद बताया जा रहा है। गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में समय की बचत होती है। इंडियन एयरफोर्स के लिए हुआ राफेल डील भी गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट ही था। वायुसेना को 36 राफेल मिले है। इसे मिलने में 7 सालों का समय लगा था।

INS विक्रांत पर तैनात होगा

अमेरिका के हॉर्नेट एयरक्राफ्ट मुकाबले राफेल के प्रशिक्षण, रखरखाव, मरम्मत जैसे कामों में पैसे की बचत होती है। नौसेना के लिए खरीद जा रहे राफेल को INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। 4 साल से नौसेना विक्रांत के लिए लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही थी। INS विक्रांत पर रूसी मिग-29 तैनात हैं, जिन्हें धीरे-धीरे सेवा से बाहर किया जा रहा है।

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