India News (इंडिया न्यूज), Defence Deal: भारतीय नौसेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इस साल के अंत में 26 राफेल समुद्री लड़ाकू जेट, 31 एमक्यू-9बी ड्रोन और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियां खरीदने की तैयारी में है। मझगांव डॉकयार्ड में बन रही तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगी। क्योंकि, चीन समुद्र में अपनी ताकत का बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है। रक्षा सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस रक्षा सौदे की लागत करीब 40,000 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। जिसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अहम भूमिका निभाएगा। इस वित्त वर्ष में पूरा होने वाला दूसरा बड़ा सौदा आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों की खरीद है।
नौसेना क्या चाहती है?
बता दें कि, भारतीय नौसेना इस परियोजना को जल्द पूरा करने की योजना बना रही है। इस परियोजना को पूरा करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं। भारतीय नौसेना चाहती है कि इन विमानों को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाए। जिसके लिए भारतीय नौसेना समुद्री मोर्चे पर मजबूत क्षमताएं विकसित करने की योजना बना रही है। सूत्रों का कहना है कि फ्रांस की डसॉल्ट कंपनी और भारतीय नौसेना इस मामले पर दो दौर की बातचीत कर चुकी है। ऐसे में उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द ही इस मामले पर बातचीत फिर से शुरू करने वाले हैं।
डसॉल्ट कंपनी और नौसेना के बीच जल्द शुरू होगी बातचीत
बता दें कि तीसरे रक्षा सौदे में विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध के तहत अमेरिका से 31 एमक्यू-9 ड्रोन की खरीद शामिल है। 32,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना 31 अक्टूबर तक पूरी होने वाली है। नौसेना को नए स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों की सख्त जरूरत है। नौसेना ने अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-18 सुपर हॉर्नेट की जगह फ्रांस के राफेल-एम को चुना है। लिए जाने वाले 26 राफेल-एम में से 22 सिंगल सीटर और चार ट्रेनर विमान होंगे।