India News (इंडिया न्यूज), Defence Ministry: भारत सरकार ने हवा में सैन्य ताकत को मजबूती देने के लिए 65,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को निविदा जारी की है। यह भारत सरकार द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा एचएएल को जारी किया गया टेंडर प्रतिक्रिया के लिए तीन महीने का समय प्रदान करता है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक अधिग्रहण कार्यक्रम का लक्ष्य भारतीय वायु सेना से मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के मौजूदा बेड़े को बदलना या चरणबद्ध तरीके से हटाना है।
सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर
बता दें कि, भारतीय रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय दोनों द्वारा समर्थित, स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से देश भर में रक्षा क्षेत्र में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए स्वदेशीकरण प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने और व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। दरअसल, 97 अतिरिक्त एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू जेट खरीदने के निर्णय की घोषणा पहले एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन की यात्रा के दौरान की थी। एचएएल सहित सभी हितधारकों को शामिल करते हुए स्वदेशी लड़ाकू जेट कार्यक्रम की एक व्यापक समीक्षा बैठक के बाद 97 और विमान खरीदने के निर्णय को अंतिम रूप दिया गया।
रक्षा मंत्रालय ने दिया बड़ा सैन्य आर्डर
बता दें कि, 83 एलसीए मार्क1ए विमानों का प्रारंभिक ऑर्डर पूरा होने वाला है। जिसकी डिलीवरी शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है। एलसीए मार्क 1ए उन्नत एवियोनिक्स और रडार सिस्टम का दावा करते हुए मूल तेजस विमान की उन्नति का प्रतिनिधित्व करता है। दरअसल, 65 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ एलसीए मार्क1ए कार्यक्रम एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप है। एचएएल 200 से अधिक एलसीए मार्क 2एस और इतनी ही संख्या में पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त अनुबंध हासिल करने के लिए भी तैयार है।