India News (इंडिया न्यूज), CM Atishi New Cabinet: दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है। आप विधायक दल की नेता आतिशी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। इसके साथ ही अब दिल्ली में आतिशी सरकार सत्ता में आ गई है। राजभवन में आयोजित समारोह में आतिशी के साथ पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल हैं।
‘आप’ नेता आतिशी ने शनिवार को दिल्ली के छठे मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आतिशी समेत 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई। भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया। इससे पहले कालकाजी सीट से विधायक आतिशी दिल्ली सरकार में कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
आप नेता 26-27 सितंबर को बुलाए गए विशेष सत्र में 70 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगी। इससे पहले आतिशी मंगलवार शाम को केजरीवाल के साथ राज निवास में उपराज्यपाल से मिलने गईं। वहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद उपराज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए 21 सितंबर की तारीख प्रस्तावित की।
सौरभ भारद्वाज
ग्रेटर कैलाश सीट से तीन बार विधायक रहे सौरभ भारद्वाज को फिर से कैबिनेट में जगह मिली है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर राजनीति में आए भारद्वाज दिसंबर 2013 में 49 दिन की अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन और पर्यावरण जैसे अहम विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन 2015 में जब दोबारा आप सत्ता में आई तो उन्हें हटा दिया गया। भारद्वाज (44) पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर आप का मजबूती से बचाव करने और भाजपा पर तीखे हमले करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी प्रसिद्धि का एक कारण 2017 में दिल्ली विधानसभा में ‘डमी मशीनों’ के जरिए ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना साबित करने की उनकी कोशिश भी है।
कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख का विश्वासपात्र कहा जाता है। गहलोत भी सीएम पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। पचास वर्षीय विधायक गहलोत ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं और आप के प्रमुख जाट नेता हैं, जिन्होंने 2015 और 2020 में दो बार नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र जीता। वर्ष 2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक और स्नातकोत्तर करने वाले गहलोत ने परिवहन, महिला एवं बाल विकास, गृह और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला।
गोपाल राय
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बाबरपुर इलाके से दो बार विधायक रह चुके गोपाल राय को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी की अध्यक्षता वाली नई मंत्रिपरिषद में बरकरार रखा गया है। राय लंबे समय से पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के सहयोगी हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। आप का पूर्वांचल चेहरा राय पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से आते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में वे छात्र राजनीति में सक्रिय थे और भ्रष्टाचार तथा अपराध के मुद्दों पर अभियान चलाते थे।
वह 2011 में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और केजरीवाल के नेतृत्व में हुए ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन में शामिल थे। राय ने 2013 में बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2017 में उन्हें ‘आप’ की दिल्ली इकाई का संयोजक नियुक्त किया गया, तब से वह इस पद पर हैं।
Delhi CM Swearing Ceremony :दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
इमरान हुसैन
अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व इमरान हुसैन दिल्ली के बल्लीमारान से विधायक हैं। उन्होंने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जीत के साथ अपने चुनावी सफर की शुरुआत की थी। इस चुनाव में उन्होंने 33,877 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। हुसैन दिल्ली सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति और वन मंत्री रह चुके हैं। नई सरकार में उन्हें एक बार फिर जगह दी गई है। हुसैन सरकार में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करेंगे। हुसैन की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब केजरीवाल एलजी को अपना इस्तीफा सौंपने गए थे, तब हुसैन भी उनके साथ थे।
मुकेश अहलावत
दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा से विधायक अहलावत को समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर शामिल किया गया है। अहलावत सुल्तानपुर माजरा से पहली बार विधायक बने हैं। उन्होंने 2020 में 48,000 से अधिक मतों के अंतर से सीट जीती थी। अहलावत पेशे से व्यवसायी हैं। आप में शामिल होने से पहले उन्होंने 2013 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से लड़ा था, जिसमें वे कांग्रेस के जय किशन से हार गए थे। सुल्तानपुर माजरा एक उपनगरीय विधानसभा सीट है, जो उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
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