“अग्निपथ याोजना देश के लिए जरूरी”, दिल्ली हाइकोर्ट ने सभी याचिकाएं रद्द की

Agnipath scheme: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि योजना को राष्ट्रीय हित में लाया गया है। अदालत ने सरकार की योजना को चुनौती देने वाली सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 15 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

तीनों सेनाओं में होगी भर्ती

अग्निपथ योजना को सशस्त्र बलों में सबसे दूरगामी सुधारों में से एक माना जाता है और अब इसी योजना से तीनों सेनाओं में भर्ती होगी। योजना को लाने के बाद देश के कई हिस्सों में उम्मीदवारों द्वारा विरोध किया गया था। इस योजना में चार साल की अवधि के लिए युवाओं को अस्थायी रूप से रक्षा बलों में शामिल करने का प्रस्ताव है। ऐसे युवा अग्निवीर के नाम से जाने जाएंगे।

25 प्रतिशत होंगे नियमित

इस अवधि के बाद, चयनित उम्मीदवारों में से केवल 25 प्रतिशत को ही सशस्त्र बलों की नियमित सेवा में समाहित करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि शेष सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अग्निवीर के रूप में सेवा की अवधि को भारतीय सेना, नौसेना या वायु सेना में शामिल होने पर नियमित सेवा के रूप में नहीं गिना जाएगा। यानी चार साल पूरे होने के बाद जब कोई अग्निवीर सशस्त्र बलों में शामिल होता है, तो उसे नई भर्ती माना जाएगा। योजना को चुनौती देने के साथ-साथ भर्ती प्रक्रियाओं पर रोक लगाने के लिए देश भर के उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएँ दायर की गईं, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इन सभी मामलों को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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