India News (इंडिया न्यूज), Delhi Women CM: आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, उनसे पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। दिल्ली की कालकाजी सीट से पहली बार विधायक बनीं आतिशी केजरीवाल सरकार में सबसे ज्यादा विभाग संभाल रही थीं। उन्हें अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबियों में से एक माना जाता है। केजरीवाल ने जबसे इस्तीफे का ऐलान किया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। अब इसको लेकर औपचारिक घोषणा भी कर दी गई है। आज शाम को राज्यपाल  से मुलाकात कर अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देंगे और आतिशी नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश करेंगी। 

कितने दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनीं थीं सुषमा स्वराज?

आतिशी से पहले जो दो महिला मुख्यमंत्री बनी थीं, उनमें बीजेपी की तरफ से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की तरफ से शीला दीक्षित का नाम शामिल है। सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली थी। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था और उसके बाद सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया था। सुषमा सिर्फ 52 दिनों तक मुख्यमंत्री के पद पर रह पाई और फिर इसके बाद चुनाव नतीजे आए तो भाजपा को करारी शिकस्त मिली। साल 1993 में जिस बीजेपी को 49 सीटों पर जीत मिली थी। उसी पार्टी को 5 वर्षों के बाद एंटी इंकम्बेंसी की वजह से सिर्फ 15 सीटों पर जीत हासिल हुई। 

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शीला दीक्षित लगातार 3 बार रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री

जब 1998 में कांग्रेस को चुनाव में जीत नसीब हुई तो कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना दिया। उसके बाद 2003 में जब चुनाव हुए तो कांग्रेस को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला। इस बार कांग्रेस को 47 जबकि बीजेपी को 20 सीटें मिलीं। इसके बाद 2008 में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 23 सीटें मिली। शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहीं थीं। हालांकि 2013 में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा तो आप को 28, कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 34 सीटें मिली थीं। इस त्रिशंकु विधानसभा में कांग्रेस ने AAP को बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे।

फिर इसके बाद जब 2015 में चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए 70 में 67 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 सीटें जीतकर तीसरी बार आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई है। 

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