India News (इंडिया न्यूज़), Delhi Ordinance:कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली अध्यदेश पर कहा कि संसद में आज दिल्ली (NCT) अध्यादेश विधेयक का संक्षिप्त परिचय हुआ, इस पर बहस नहीं हुई। परिचय का विरोध करना हमारा अधिकार है और विपक्ष के 5-6 सदस्यों ने इसका विरोध करने की कोशिश की। इनमें से एक पार्टी ने विपक्ष के रूप में खड़े होकर सरकार का समर्थन किया, लेकिन अन्य ने कहा कि यह अवैध है।
#WATCH संसद में आज दिल्ली (NCT) अध्यादेश विधेयक का संक्षिप्त परिचय हुआ, इस पर बहस नहीं हुई। परिचय का विरोध करना हमारा अधिकार है और विपक्ष के 5-6 सदस्यों ने इसका विरोध करने की कोशिश की। इनमें से एक पार्टी ने विपक्ष के रूप में खड़े होकर सरकार का समर्थन किया, लेकिन अन्य ने कहा कि यह… pic.twitter.com/wKp2fzddDV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देकर ये साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।
ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया। अब इस अध्यादेश को लेकर हंगामा मचा हुआ है। दिल्ली की केजरिवाल सरकार संसद में इसो कानून बनने से बाचाने के लिए विपक्ष की सहायता की मांग कर रही है।
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