India News (इंडिया न्यूज), IAS Coaching Centre Tragedy: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत के मामले में थार एसयूवी चालक की जमानत याचिका पर तीस हजारी कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कार चालक मनुज कथूरिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। कथूरिया की ओर से पेश वकील ने अपने मुवक्किल को तत्काल जमानत पर रिहा करने की मांग की। वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को नहीं पता था कि क्या होने वाला है। छात्रों की मौत का कारण बनने का उनका कोई इरादा नहीं था।
थार मालिक कैसे दोषी?
अधिवक्ता ने दलील दी कि दिल्ली पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार करने में व्यस्त है जिनका इस हादसे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दलील दी कि इस घटना के लिए उनके मुवक्किल को किस तरह से दोषी ठहराया जा सकता है।
दिल्ली पुलिस की दलील
वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अतुल श्रीवास्तव ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कथूरिया प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही के दोषी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने घटना को और गंभीर बना दिया।
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मौज-मस्ती पसंद स्वभाव का है थार चालक
एपीपी ने कोर्ट में कथूरिया के सोशल मीडिया अकाउंट से लिए गए कुछ वीडियो चलाए, जिसमें वह वही एसयूवी चलाते नजर आ रहे थे। एपीपी ने कहा कि मुझे इस शब्द का इस्तेमाल करने के लिए खेद है। उन्होंने सुनवाई के दौरान दलील दी कि आरोपी मौज-मस्ती पसंद स्वभाव का है और उसने मौज-मस्ती में ही इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
थार की वजह से बेसमेंट में भरा पानी
कथूरिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फोर्स गोरखा कार कोचिंग सेंटर के सामने वाली सड़क पर चलाई, जिसमें बारिश का पानी भरा हुआ था। जिसकी वजह से सड़क पर भरा पानी इतनी तेजी से कोचिंग सेंटर में घुसा कि वहां की बिल्डिंग का गेट टूट गया और बेसमेंट में पानी भर गया।