India News(इंडिया न्यूज), Delhi: आम आदमी पार्टी की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं, संयोजक से लेकर अन्य नेता किसी घोटाले में फंसे हुए हैं वहीं कुछ पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। आपको बता दें कि दिल्ली आप मंत्री राज कुमार ने भा अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बयान में कहा कि वो पार्टी में भ्रष्टाचार की नीतियों से परेशान हो गए हैं। साथ ही वो कह रहे हैं कि वो किसी भी पार्टी के सदस्य नहीं बनेंगे। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।

PCB: पाकिस्तान क्रिकेट कमिटि का एक्शन मोड चालू, दो खिलाड़ियों को टीम से किया बाहर

राज कुमार ने दिया पार्टी से इस्तीफा

दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने बुधवार को आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की भ्रष्टाचार नीति से असंतुष्ट होने का हवाला देते हुए यह बात कही। शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। राज कुमार आनंद पटेल नगर क्षेत्र से विधायक हैं और केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट में समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री थे। अपने पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद आनंद ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अपना नाम चल रहे ‘भ्रष्टाचार’ से नहीं जोड़ पा रहे थे।

आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में फंस रही है- राजकुमार

आनंद ने कहा, “आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था, लेकिन आज पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर काम करना मुश्किल हो गया है। मैंने मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं अपना नाम इस भ्रष्टाचार से नहीं जोड़ पा रहा हूं।” उन्होंने कहा, “जंतर मंतर से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राजनीति बदलने पर देश बदल जाएगा। राजनीति नहीं बदली है, लेकिन राजनेता बदल गए हैं।” इसके अलावा आनंद ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में दलितों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।

Rahul Dravid: पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने 5 करोड़ की राशि लेने से क्यों किया इनकार, जानें अब कैसे होगा बंटवारा

किसी भी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे मंत्री

उन्होंने दावा किया कि आप के दलित विधायकों, मंत्रियों या पार्षदों को कोई सम्मान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “मैं समाज को वापस लौटाने के लिए मंत्री बना हूं। मैं ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं बनना चाहता जो दलितों के प्रतिनिधित्व की बात करने पर पीछे हट जाती है। मैं किसी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं।”