Delhi Pollution: दिल्ली में जहरीली हवा के साथ स्वास्थ्य आपातकाल जैसी हालत बन गई है। इसके साथ ही सीएक्यूएम ने ग्रैप के चौथे और अंतिम चरण को भी लागू कर दिया है और अब राजधानी में प्रदूषण का लॉकडाउन लग गया है। यह सबसे गंभीर कदम है, जो ग्रैप के तहत उठाए जा सकते हैं। दरअसल सीएक्यूएम ने बिगड़ते प्रदूषण को देखते कल गुरुवार शाम साढ़े 4 बजे मीटिंग की थी। इस मीटिंग में काफी देर तक चर्चा चली। जिसमें सीएक्यूएम ने आदेश जारी किया कि अब राजधानी को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए चौथा चरण उठाना जरूरी हो गया है।
6 नवंबर को होगी बैठक
आपको बता दें कि अगली मीटिंग आज 4 नवंबर को होगी। नोएडा में प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों बंद करने का फैसला लिया गया है। अब सवाल उठता है कि यदि नोएडा में यह फैसला लिया गया है तो दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है। जबकि दिल्ली में गुरुवार को सुबह 6 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 472 पहुंच गया। सीएक्यूएम ने साफ किया है कि ग्रैप के अंतिम चरण को लंबे समय तक लागू नहीं रखा जा सकता। ऐसे में 6 नवंबर को एक बार फिर ग्रैप की सब-कमिटी की बैठक होगी और इसमें हालात के अनुरूप फैसला लिया जाएगा।
क्यों बिगड़ गए इतने हालात
मौसम विभाग के अनुसार हवाओं की स्पीड और दिशा की वजह से हालात बिगड़ रहे हैं। इस समय उत्तर पश्चिमी हवाएं आ रही हैं। उसी इलाके में सबसे अधिक पराली जल रही है। ऐसे में यह हवाएं अपने साथ धुंआ लेकर भी आ रही हैं। यही वजह है कि 5 नवंबर तक हालात सुधरने के आसार नहीं हैं।
जानें क्या-क्या रोक लगाई गई?
- राजधानी में ट्रकों की एंट्री पर रोक।
- राजधानी और उससे लगते जिलों में बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा।
- एनसीआर में जो इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं, वह बंद रहेंगी।
- दिल्ली के अंदर हल्के और मध्यम माल वाहन डीजल ट्रक भी नहीं चल सकेंगे।
- हाइवे, सड़क, ओवरब्रिज, पाइपलाइन, फ्लाईओवर, पावर ट्रांसमिशन आदि जैसे पब्लिक प्रोजक्ट में भी निर्माण पर बैन लगाया गया है।
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