India News (इंडिया न्यूज़), Delhi Service Bill: राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद दिल्ली सेवा कानून पारित हो चुका है। अब दिल्ली में ग्रुप A के अफ्सरों के ट्रांसफऱ और पोस्टिंग का आखऱी निर्णय फिर से दिल्ली के उपराजयपाल के पास आ गया है। वहीं अब दिल्ली सरकार इस कानून के खिलाफ एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी में है। AAP नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस बारे में बताया कि कई बार ऐसा हुआ है कि देश की सरकार ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ कानून पारित किया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलट दिया।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि यह कानून (दिल्ली सेवा अधिनियम) संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है। संविधान कहता है कि सरकार जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से चलेगी। ऐसे में नियुक्त उपराज्यपाल सरकार नहीं चला सकती, यह मुमकिन नहीं है। जब ये मामला कोर्ट में आएगा तो कोर्ट इस कानून को पलट देगी और संविधान लागू कर देगी। तब तक एलजी मनमाने ढंग से सरकार चलाएंगे और जनता का काम रोकेंगे।”

बता दें कि लोकसभा में ध्वनि पत से दिल्ली ऑर्डिनेंस पास होने के बाद 8 अगस्त को राज्यसभा में काफी हंगामें में बीच पास हुआ। राज्यसभा में दिल्ली ऑर्डिनेंस को 102 नहीं में मत प्राप्त हुए, वहीं 131 मत हां में मिले। इसके बाद दिल्ली सेवा ऑर्डिनेंस सोमवार को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन गया है।

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