India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Government News : महाराष्ट्र में कल देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली है। पिछले कापी समय से सीएम पद को लेकर खींचतान चल रही थी। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के होने से पहले सीएम की कुर्सी का झगड़ा खत्म हो गया और शपथ ग्रहण समारोह में सीएम पद के अलावा शिंदे ने डिप्टी सीएम की शपथ ली है। सभी को लगा कि अब महायुती में सब कुछ ठीक हो गया है। लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। सीएम पद के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फस गया है। जहां एक तरफ 132 सीटें वाली बीजेपी दो महत्वपूर्ण मंत्रालय होम और वित्त अपने पास रखने की रणनीति बना रही है। तो वहीं शिंदे की नजरें सीएम पद के बाद ग्रह मंत्रालय पर टिकी हुई हैं। लेकिन देवेंद्र फडणवीस के अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट से खेलने को तैयार है।
विभागों को लेकर टकरार
सीएम पद के बाद अब महायुती में विभागों को लेकर टकरार की खबरे सामने आ रही हैं। महाराष्ट्र में भाजपा, शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी के बीच पोर्टफोलियो को लेकर टकराव बना हुआ है। बीजेपी गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय किसी को भी देने के मूड में नहीं है। इस स्थिति में महायुति के भीतर दरार और बढ़ सकती है। सीएम पद न मिलने की वजह सेशिंदे गुट पहले ही नाराज बताया जा रहा है।
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अभी तक अजित पवार तकरार वाली तस्वीर के फ्रेम से गायब थे. अब तक केवल सीएम पोस्ट को लेकर भाजपा और शिवसेना में ही खींचतान थी. मगर भाजपा अगर वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय अपने पास रखती है तो तकरार के त्रिकोणीय होने की संभावना है।
ताकत के हिसाब होगा विभागों का बटवारा
अभी तक की जानकारी के मुताबिक महायुती में पोर्टफोलियों का बंटवारा सीटों की ताकत के हिसाब से किया जाएगा। खजाना और काननून-व्यवस्था की कमान भाजपा अपने पास ही रखना चाहती है। ऐसे में खींचतान बढ़ने की संभावना अधिक है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना लगातार होम मिनिस्ट्री की डिमांड कर रही है। वहीं, दूसरी ओर वित्त मंत्रालय पर अजित पवार की नजर है। अजित पवार इससे पहले भी वित्त मंत्रालय संभाल चुके हैं। ऐसे में अगर भाजपा यह विभाग भी अपने पास रखती है तो अजित पवार का नाराज होना लाजिमी है। बता दें कि कि शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में होम मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था तो वित्त मंत्रालय अजित पवार के पास था।
ऐसे हो सकता है बटवारा!
अभी तक पोर्टफोलियो को लेकर जो तय फॉर्मूला है, उसके हिसाब से भाजपा के कोटे में 20 मंत्री पद हैं। वहीं, एकनाथ शिंदे के कोटे में 13 और अजित पवार के कोटे में 8 मंत्री पद हैं। महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ने 132 सीटें जीती थीं। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना 54 और अजित पवार की एनसीपी के खाते में 34 सीटें आई थीं।