India News (इंडिया न्यूज),Dhanushkodi’s Railway: मोदी सरकार की विरासत के साथ विकास की पहल का सार्थक परिणाम धनुषकोडी की प्रस्तावित रेल लिंक परियोजना में भी देखने को मिल सकता है। अगर इस प्रोजेक्ट में एनवायरनमेंट को लेकर फंसा पेंच सुलझ गया तो कुछ सालों में ऐतिहासिक धनुषकोडी तक रेल की पहुंच हो जाएगी और यहां की रेल विरासत लौट आएगी। इस रेल रूट के पूरा होने से पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की सीधे ट्रेन से धनुषकोडी तक पहुंचना आसान हो सकेगा।
तमिलनाडु के रामेश्वरम और धनुषकोडी को रेल लिंक से जोड़ने के लिए दक्षिण रेलवे का नया मास्टर प्लान तैयार है। पीएम मोदी ने करीब 5 साल पहले इस 18 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन का शिलान्यास किया था। मदुरै रेल डिविजन के अधिकारियों के मुताबिक , साल 1964 में आई सुनामी में यह रेल लाइन नष्ट हो गई थी । त्रासदी की रात ट्रेन में सवार 115 लोगों समेत इलाके के 1800 लोगों की मौत हो गई, समुद्र में बह गए। सरकार ने इसके पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी दे ही दी है जो 700 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनाया जाएगा।
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इंडिया न्यूज की टीम 1964 में खंडर हो चुके धनुषकोडी स्टेशन का दौरा किया और इस मंजर को देख कर चौक जाएगा। स्टेशन के एंट्री गेट सिर्फ पिलर दिखा,,, अब कहीं कहीं मिट्टी से ढकी रेल पटरी दिखी, लेकिन, लोगों को उम्मीद है कि फिर से यहां की जिंदगी गुलजार हो पाएगी नई रेलवे लाइन बिछने और रेल सेवा शुरू होने से।
नए प्रस्ताव के तहत 18 किलोमीटर की लाइन में जमीन से 13 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक होगा. इस स्टेशन का पर्यटन और धार्मिक महत्व दोनों है और इसलिए यह स्थल पर्यटकों को आकर्षित करता है.”मदुरै मंडल के सहायक कार्यकारी अभियंता आनंद ने नई रेल लिंक योजना के बारे में बताते हुए कहा कि रेलवे की योजना इस स्टेशन के पुनर्विकास और इसे नई ब्रॉड गेज और इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ने की है. यह रामेश्वरम से 18 किमी की लाइन होगी और इसमें 3 हॉल्ट स्टेशन और एक टर्मिनल स्टेशन होगा. हमें उम्मीद है कि यहां भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. हम रामेश्वरम स्टेशन का पुनर्विकास कर रहे हैं.”
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भौगोलिक दृष्टि से धनुषकोडी पंबन द्वीप के टॉप पर है जो पाक जलडमरूमध्य द्वारा भारत मुख्य भूमि से अलग है । साल 1964 तक धनुषकोडी रेलवे स्टेशन तमिलनाडु के मंडपम स्टेशन से सीधा जुड़ा था। उस समय धनुषकोडी स्टेशन श्रीलंका में सीलोन और भारत में मंडपम के बीच संपर्क का एक अहम प्वाइंट था और बोट मेल के नाम से एक ट्रेन भी चलती थी,लेकिन, 22-23 दिसंबर 1964 को आई सुनामी में यह पूरा रेल लिंक नष्ट हो गया था. उस दौरान ट्रेन के कर्मचारियों सहित सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई थी। उसके बाद से धनुषकोडी को रेल सेवा बंद हो गई। इस नई रेलवे लाइन के चालू होगा या नहीं, ये तमिलनाडु सरकार पर निर्भर करेगा, क्योंकि, सूत्रों के मुताबिक, एनवायरनमेंट का हवाला देकर तमिलनाडु सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रोकने की बात कर रही है।