India News (इंडिया न्यूज), Tribals Community: आज भी हमारे देश में कई ऐसी परंपराएं हैं, जो हमें हैरान कर देती हैं। खासकर आदिवासी समुदायों में कई अजीबोगरीब रीति-रिवाज आज भी प्रचलित हैं। भारत में हर धर्म में सबसे पवित्र रिश्ता भाई-बहन का माना जाता है। पूरे देश में भाई-बहन से जुड़े कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें भाई अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाता है। हालांकि, छत्तीसगढ़ में एक जनजाति ऐसी भी है, जहां भाई-बहन आपस में शादी करते हैं।
- मना करने पर मिलती है सजा
- पानी के सामने सात फेरे
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मना करने पर मिलती है सजा
बता दें की छत्तीसगढ़ के धुरवा आदिवासी में भाई-बहन की शादी का रिवाज है। समाज चचेरे भाई, मामा और मौसी की शादी करवाता है। अगर कोई शादी करने से इनकार करता है तो उसे सजा के तौर पर जुर्माना देना पड़ता है। अगर लड़की का पिता अपने भांजे का हाथ मांगता है और मना करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ता है। वहीं अगर लड़की पक्ष शादी से इनकार करता है तो उन्हें जुर्माना देना पड़ता है।
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पानी के सामने सात फेरे
बता दें की खून के रिश्ते में शादी करने के कई नुकसान हैं। खासकर ऐसी स्थिति में अनुवांशिक बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी दिखता है। अब इस जनजाति के लोग ऐसी शादियों से पीछे हटने लगे हैं। वे आपस में शादी करने से इंकार कर रहे हैं। कई लड़के-लड़कियां तो अपने माता-पिता के खिलाफ भी जा रहे हैं। आपको बता दें कि ध्रुव जनजाति छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी जनजाति मानी जाती है। इसमें भाई-बहन जल को साक्षी मानकर पुनर्विवाह करते हैं।
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