India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो चुका है। वहीं दूसरे चरण चुनाव की तैयारी तेज है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को दोहराया। जिसमें सिंह ने देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला हक बताया था। पीएम मोदी ने कहा कि हम आपके जमा किए हुए धन को किसी और के पास नहीं जानें देंगे। जिसके बाद से देश में हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। इसी क्रम में ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने एक पोस्ट शेयर करते हुए यूपीए सरकार और मोदी सरकार में मुस्लिम आरक्षण की कोशिश को दर्शाया है।

  • अल्पसंख्यक खंड में बिंदु 3 और बिंदु 6 के बीच क्या अंतर है?
  • शिक्षा, नौकरियों और यहां तक कि खेल में भी आरक्षण

सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट

उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि 12 जुलाई 2004 को आंध्र प्रदेश में वाईएसआर रेड्डी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मुसलमानों के लिए 5% आरक्षण शुरू करने के अपने फैसले की घोषणा की। जिसके बाद 21 सितंबर 2004 में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय ने मुस्लिम आरक्षण के आदेश को रद्द कर दिया। नवंबर 2004 जवाब में, कांग्रेस सीएम वाईएसआर रेड्डी ने नवंबर 2004 में डी. सुब्रमण्यम आयोग का गठन किया। जिसके बाद मुस्लिम आरक्षण को रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर काबू पाने के लिए, आंध्र प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में 5% मुस्लिम आरक्षण के लिए एक अध्यादेश जारी किया।

25 अक्टूबर, 2005 मेंआंध्र प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग (एपीबीसी) द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर, राज्य ने अध्यादेश को एक अधिनियम में परिवर्तित करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश किया था। 21 नवंबर 2005 में आंध्र HC की 5 जजों की बेंच ने माना कि मुसलमानों के लिए आरक्षण असंवैधानिक है। HC ने माना कि मुसलमानों को पिछड़े वर्ग के रूप में पहचानना अवैज्ञानिक और दोषपूर्ण मानदंडों पर आधारित था। 14 दिसंबर 2005 में आंध्र सरकार ने HC के फैसले को SC में चुनौती दी। 4 जनवरी, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर सीमित अंतरिम रोक लगा दी। जो लोग आरक्षण अधिनियम के आधार पर पहले ही भर्ती हो चुके थे उन्हें तो रहने की अनुमति दे दी गई लेकिन भविष्य में आरक्षण के आधार पर होने वाली सभी भर्तियों को रोक दिया गया। फरवरी 2014 में आखिरकार यूपीए सरकार मुस्लिम आरक्षण की गुहार लगाने सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए सरकार के केंद्रीय मुस्लिम कोटा मामले को आंध्र प्रदेश मुस्लिम कोटा मामले के साथ जोड़ दिया और संवैधानिक पीठ के माध्यम से मामले की सुनवाई की।

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मुस्लिम आरक्षण स्थापित करने की योजना

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 2024 के घोषणापत्र में मुस्लिम आरक्षण की बात कही गई है। घोषणापत्र के अल्पसंख्यक खंड में बिंदु 3 और बिंदु 6 के बीच क्या अंतर है? एक साथ पढ़ें, तो एक ही निष्कर्ष निकलता है। कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण स्थापित करने की योजना बना रही है। न केवल शिक्षा और नौकरियों में बल्कि स्वास्थ्य सेवा, सार्वजनिक अनुबंध, कौशल विकास, सांस्कृतिक गतिविधियों और यहां तक कि खेल में भी?