इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
Diwali 2021 : कोरोना काल के कारण लगे लॉकडाउन के बाद दो साल से मंदी की मार झेल रहे ज्यूलर्स व सोना कारोबार से जुड़े छोटे सुनार से लेकर बड़े कारोबारियों के चेहरे मुरझा से गए थे। ऐसे में इस धनतेरस पर सोने की सेल में हुई धमाकेदार बिक्री के चलते सोना कारोबारियों के चेहरों पर रोनक लौट आई है। कोरोना का ग्राफ गिरते ही मार्केट का पारा चढ़ता नजर आया। बाजारों में ग्राहकों का तांता लगा हुआ है।
देशवासी बेशक महामारी के कारण और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मंहगाई और बेरोजगारी का रोना रो रहे हों, लेकिन धनतेरस पर की गई सोने चांदी के आभूषणों की रिकार्ड खरीदारी बता रही है कि देश अभी सक्षम है। एक ही दिन में देशवासियों ने 15 टन सोना खरीद कर अपने मंदिरों के बहाने घरों में रख लिया है। मंगलवार को देशभर में 75000 करोड़ रुपए के सोने की बिक्री दर्ज की गई है।
जिसका एक मुख्य कारण सोने के दामों में गिरावट भी माना जा रहा है। गोल्ड की कीमतें कम होते ही धनतेरस के शुभ अवसर पर बाजारों में बहार छा गई है। सूत्रों की माने तो धनतेरस अपने ईष्ट को रिझाने के लिए दिल्ली वासियों ने 1 हजार करोड़ रुपए का सोना खरीद लिया है, वहीं देश की आर्थिक कैपिटल कहे जाने वाले महाराष्टÑ में करीब 15 हजार करोड़ के सोने की बिक्री होने की बात सामने आ रही है।
दक्षिण भारत की बात करें तो इसने महाराष्ट्र को भी पछाड़ दिया है। यहां 2000 करोड़ का सोना महज एक दिन में बिक गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सोने के दाम स्थिर रहे तो पांच दिनों के इन पांच त्योहारों नरक चतुर्दशी, दिवाली, काली पूजा, गोवर्धन पूजा, भाई दूज होने पर सुनार बाजारों में बहार बनी रहने की संभावना है।
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