इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़ :
DNA Technology Regulation Bill: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों (sexual offenses) की खतरनाक दर और तेजी से समाधान के लिए सरकार से सक्रिय भागीदारी आकर्षित कर रही है। फोरेंसिक लैब (forensic lab) और अदालतों में लंबित मामलों (pending cases) में बैकलॉग को कम करने के लिए राज्यों में डीएनए क्षमता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं । विशेषज्ञों का दावा है कि डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक (DNA Technology Regulation Bill) आपराधिक अपराधियों के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के डीएनए डेटाबेस के लिए कार्रवाई और प्रावधान को उत्प्रेरित करने के लिए इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
यह देश में अपराध दर को काफी हद तक कम कर सकता है, जैसा कि प्रो. जेनिफर डोलेक (टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी) द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि यूरोप और युएस औसतन 42% तक अपराध को कम करने में सफल रहे हैं और यह सांख्यिकीय रूप से दिखाता है, डेटाबेस में 10 प्रतिशत की वृद्धि से बलात्कार के अपराधों को लगभग 7 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलती है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ पिंकी आनंद ने समझाया, डीएनए डेटाबेस ने यौन अपराधों को सुलझाने, निर्दोषों को दोषमुक्त करने और बार-बार होने वाले अपराधों को कम करने के लिए सबसे कुशल और प्रभावी तरीकों में से एक को लाभान्वित किया है। किसी भी अपराध में डीएनए साक्ष्य तक पहुंच मामला अपना परिणाम बना या बिगाड़ सकता है।
अन्य देशों में जहां डीएनए डेटाबेस बनाया गया है, डीएनए परीक्षण सभी प्रकार के अपराधियों की जांच और मुकदमा चलाने का एक नियमित हिस्सा है और अक्सर यौन हमले से बचे लोगों के लिए न्याय प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह भी माना जाता है कि डीएनए डेटाबेस का अस्तित्व ही अपराधियों को हतोत्साहित करते हुए बार-बार होने वाले अपराध को रोकने में हमारी मदद कर सकता है।
अकेले महाराष्ट्र में, जनवरी 2022 तक बच्चों और महिलाओं पर यौन हमले से संबंधित कुल 2,600 मामले राज्य फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में लंबित हैं और महिलाओं पर हमले से जुड़े 2,29,000 से अधिक मामले अभी भी अदालत में लंबित हैं। हालिया समाचार रिपोर्टों के अनुसार, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वळसे ने कहा, नई फोरेंसिक लैब स्थापित करने की योजना है, और नासिक, औरंगाबाद और अमरावती में फास्ट ट्रैक डीएनए इकाइयों की स्थापना के लिए प्रशासनिक मंजूरी आ गई है। इसलिए सरकार को देश में डीएनए क्षमताओं को सक्रिय रूप से बढ़ाना होगा और डीएनए बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति की भर्ती करनी होगी।
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