India News (इंडिया न्यूज), Real Name Of Mahabharat: महाभारत, भारतीय संस्कृति का एक अद्वितीय महाकाव्य है, जिसमें लगभग 1 लाख श्लोक हैं। इसे 100 पर्वों में बांटा गया है और इसे वेद व्यास जी ने लिखा था। आइए, इसके इतिहास और विकास की एक संक्षिप्त यात्रा पर चलते हैं।

महाभारत का प्रारंभ

महाभारत का मूल नाम “जय संहिता” था। इसे वेद व्यास जी ने पहले 8,800 श्लोकों में लिखा था। इसके बाद, उनके शिष्य वैशम्पायन ने इसे जन्मेजय यज्ञ समारोह में ऋषि-मुनियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस यज्ञ के दौरान, इसे सुनकर लोगों ने इसे “महाभारत” नाम दिया।

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श्लोकों की वृद्धि

महाभारत की इस प्रारंभिक रचना के बाद, धीरे-धीरे इसमें और श्लोक जोड़े गए। इसके कारण, इसका आकार बढ़ा और अंततः यह 1 लाख श्लोकों का महाकाव्य बन गया।

महाभारत की संरचना

महाभारत का संरचना न केवल श्लोकों की संख्या में बल्कि इसके गहरे दार्शनिक, धार्मिक और नैतिक संदेशों में भी अद्वितीय है। यह युद्ध, प्रेम, त्याग, और धर्म की कहानियों के माध्यम से जीवन के कई पहलुओं को उजागर करता है।

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महाभारत एक अमूल्य ग्रंथ है जो न केवल भारतीय साहित्य का गौरव है, बल्कि मानवता के लिए भी एक महत्वपूर्ण पाठ है। इसके श्लोकों में जीवन के अनेक पहलुओं की गहराई और विवेचना है, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती है। इस प्रकार, महाभारत का नाम केवल एक महाकाव्य नहीं, बल्कि एक timeless दार्शनिक संवाद के रूप में जीवित रहेगा।

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