India News(इंडिया न्यूज),Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी राज्य की ममता सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी व्यक्ति का तबादला कर दिया है।
बर्धमान मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉ. बिरुपाक्ष विश्वास को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार (3 अगस्त 2024) को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप उप-मंडल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। डॉ. बिरुपाक्ष विश्वास को रेप और हत्या के बाद 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था।कोलकाता और बर्धमान शहर के बीच 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी है।
तबादले के बाद बिस्वास ने बुधवार (4 अगस्त 2024) को कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, “मेरे पोस्ट-ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर छह महीने पहले मेरिट-आधारित काउंसलिंग की गई थी। मुझे उत्तर बंगाल के कूचबिहार या जलपाईगुड़ी या दक्षिण बंगाल के काकद्वीप में जाने का विकल्प दिया गया था। मैं उत्तर बंगाल नहीं जाना चाहता था और इसलिए मैंने काकद्वीप को चुना।”
राज्य सरकार का यह आदेश आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के निलंबन के तुरंत बाद आया है, जिन्हें आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में सोमवार (2 अगस्त, 2024) रात को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने कई दिनों की पूछताछ के बाद संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। इस दौरान पूर्व प्रिंसिपल को पॉलीग्राफ टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने संदीप घोष की गिरफ्तारी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
डॉ. बिरुपाक्ष बिस्वास पर संदीप घोष के करीबी सहयोगियों में से एक होने का आरोप है। इतना ही नहीं, 9 अगस्त से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की पश्चिम बंगाल इकाई समेत विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि संदीप घोष कई सहयोगियों की मदद से स्वास्थ्य विभाग में रैकेट चला रहा था, जिसमें बिस्वास भी एक था।
कोलकाता की घटना के बाद जब जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें बिरुपक्ष बिस्वास को पिछले साल के मेडिकल छात्र को धमकाते हुए सुना गया था। वायरल ऑडियो में बिस्वास कह रहे थे कि अगर उनके आदेश का पालन नहीं किया गया, तो छात्रों को सर्टिफिकेट नहीं मिलेंगे। बिस्वास ने उस समय मीडिया से कहा था कि यह एक फर्जी ऑडियो क्लिप है, जिसे एआई का इस्तेमाल करके बनाया गया है।
डॉ. बिरुपक्ष बिस्वास ने स्वीकार किया कि ट्रेन डॉक्टर की मौत की खबर सुनने के बाद वह 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल गए थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह कभी भी अपराध स्थल या आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर नहीं गए।
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